किसानों ने पकड़े धोख़ेबाज़ बीज विक्रेता, कृषि विभाग और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग


किसानों ने मामला दर्ज करने की मांग की है। उनके मुताबिक यह एक बड़ी धोखाधड़ी है जो उन्होंने पकड़ ली लेकिन संभव है कि हजारों किसान इस तरह के लोगों से ठगे जा रहे हों।


आशीष यादव
धार Updated On :

धार। जिले में किसान खुद को नकली बीज देने के आरोप लगाया है। इस काम में बीज उत्पादन कंपनियों की भूमिका  सामने आई है। बगैर बीज उत्पादन के किसानों से सीधी फसल खरीदकर उसे ही बीज के रूप में अन्य किसानों को बेचा  जा रहा है।

इस पूरे मामले में बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका  सामने आई है। सरदारपुर तहसील के मिडा गांव के किसानों ने इस तरह की धोखाधड़ी को पकड़ा है।

कृषकों की शिकायत पर धार कृषि विभाग ने मामले की जांच की है। जिसके बाद कंपनी के विरुद्ध अमझेरा थाने में आवेदन दिया है। आवेदन देने के करीब एक पखवाड़े बाद भी पुलिस ने विभाग का पंचनामा एवं पीड़ित किसानों के बयान होने के बावजूद भी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। फर्जी तरीके से बीज तैयार करने का आरोप इंदौर की एक बीज कंपनी पर लगा है।

टैग, प्रतिवेदन और बोरे छोड़कर भागे –

मामले में संभागीय बीज प्रमाणीकरण कार्यालय पर कंपनियों से मिली भगत के आरोप लगे है। दरअसल मिडा के दो किसान दुले सिंह व शिवनारायण से दो अलग-अलग कंपनियों के कथित प्रतिनिधि मिलने पहुंचे थे। इन्होंने किसानों से सोयाबीन की पूरी उपज खरीदने के लिए बात की।

इस दौरान उन्होंने किसानों को नौ थैलियां और नीले रंग के टैग और बीज खरीदने का बिल दिया था। इसी के साथ बीज निरीक्षण प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। घर बैठे फसल बिक रही थी, लेकिन हस्ताक्षर एवं टैग देखकर किसानों को फर्जीवाड़ा महसूस हुआ और उन्होंने विरोध किया।

कंपनी के प्रतिनिधियों से किसान दुलेसिंह ने इस फर्जी प्रक्रिया का विरोध किया। किसानों ने कहा कि कंपनी का सोयाबीन बीज नहीं बोया है और ना ही बीज प्रमाणीकरण में पंजीयन कराया है। हम हस्ताक्षर क्यों करें। उन्होंने इस फर्जीवाड़े की शिकायत कृषि विभाग में करने की धमकी दी। इसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि प्रतिवेदन सहित सामग्री छोड़कर भाग गए। किसान ने यह सभी सामग्री सुबूत के रूप में अपनी शिकायत के साथ कृषि विभाग में अधिकारियों को दी है।

कृषि विभाग ने बनाया जब्ती पंचनामा – 

किसान की शिकायत के बाद उपसंचालक कृषि कल्याण विभाग आरएल जामरे के निर्देश पर सहायक संचालक कृषि डीएस मौर्य ने विकासखंड कृषि अधिकारी बीएस मडलोई व बीज निरीक्षक राजेश बर्मन ने मामले की जांच की।

इस दौरान किसान के लिखित बयान दर्ज किए गए। मालवा एग्रीटेक प्रालि और औजस सीड्स के प्रतिनिधि द्वारा छोड़े गए फर्जी बिल, फर्जी हस्ताक्षर युक्त केश मेमो, किसान के फर्जी हस्ताक्षर युक्त खसरा खतौनी की ऑनलाइन कॉपी, बीज की खाली थैलियां, बीज प्रमाणीकरण संस्था इंदौर द्वारा दिया गया सोयाबीन फसल निरीक्षण प्रतिवेदन पत्रक और बीज प्रमाणीकरण नीले रंग के टैग जो दलुेसिंह और शिवनारायण को दिए गए थे आदि को जब्त किया गया है। पंचनामा बनाने के बाद अमझेरा थाने में कृषि अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है।

इन प्रक्रियाओं का करना होता है पालन – 

जिले में बड़ी संख्या में बीज निर्माण कंपनियां बीज विक्रय का कार्य कर रही हैं। बीज कंपनियों को विक्रय के पूर्व उत्पादन के लिए बड़ी प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसमें अनसुंधान केन्द्र से बीज खरीदा जाता है।

इसके बाद बीज उत्पादन कार्यक्रमों के माध्यम से कृषकों को कंपनी के बीज बोने के लिए पंजीयन किया जाता है। इसमें बीज क्रय के बिल, किसान के सत्यापित फोटो, कृषक के हस्ताक्षर, खाता-खतौनी की कृषक द्वारा स्व प्रमाणित प्रति सहित कई दस्तावेजी प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है।

कृषक द्वारा जब बीज उत्पादन के लिए फसल बोई जाती है जो बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा इसका निरीक्षण किया जाता है। इसके पश्चात कंपनी द्वारा बीज उपज क्रय के बाद इसे कृषक के माध्यम से प्रतिवेदन तैयार किया जाता है। इस प्रमाणीकरण के बाद इसे बीज के रूप में मान्यता मिलती है।

सक्रिय कंपनियों की जांच जरूरी – 

इस तरह की शिकायत सामने आने के बाद बीज विक्रय एवं उत्पादन के क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों और संस्थाओं की जांच जरूरी हो गई है।

मिडा के किसान की शिकायत को आधार माना जाए तो सीधे फसल के दाम पर फसल खरीदकर उसे बीज के रूप में बेचने का मामला सीधे-सीधे किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला है।

किसानों का कहना है कि यदि इस मामले में बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों की भूमिका है तो उन पर भी कार्रवाई होना चाहिए। इस संबंध में कंपनियों का पक्ष समझने के लिए प्रतिनिधियों से चर्चा नहीं हो पाई।

बाजार में सक्रिय दवाई माफिया –

जिले व शहर में दवाई माफियाओं द्वारा बड़ी मात्रा में नकली दवाई व बीज की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है वहीं इंदौर क्षेत्र में भी कई बड़े घोटालेबाज सक्रिय बताए जाते हैं।

किसान दुलेसिंहपिता मल्लुसिंह की शिकायत के बाद मामले की जांच की गई है। जांच में शिकायत सही पाई गई है। इस मामले में कंपनी पर एफआईआर के लिए अमझेरा थाने में आवेदन दिया गया है।

डीएस मौर्य, सहायक संचालक, कृषि विभाग, धार


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