धार। धार जिले में पंचायत चुनाव की सरगर्मी शुरू होने वाली है ओर सरकारी गलियारों में तैयारियों और बैठकों का दौर जारी है लेकिन राजनीतिक महकमों में फिलहाल अभी सन्नाटा है।
इस सप्ताह में उम्मीदवारों की सक्रियता देखने को मिलेगी। इस बार का चुनाव भाजपा के लिए अहम है। इसकी वजह यह है कि वर्ष 2014 से जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सीट भाजपा के कब्जे में है।
इसके पहले जिला पंचायत कांग्रेस के पास थी। अब तक कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर तीन बार काबिज हो चुकी है जबकि भाजपा को यह मौका सिर्फ दो बार मिला है।
इस बार की जीत भाजपा को कांग्रेस के बराबर लाकर खड़ा कर देगी। वहीं यह चुनाव दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। लंबे इंतजार के बाद पंचायत चुनाव की घोषणा हुई है और इससे प्रत्याशियों व जनता में खुशी का माहौल है।
सात साल बाद फिर से चुनाव होने वाले हैं और इसे लेकर ग्रामीण क्षेत्र में काफी उत्साह है। यह वर्चस्व का चुनाव होता है और इस चुनाव को लेकर वर्चस्व की लड़ाई भी होती है।
एक सीट बढ़ी, 8 नंबर वार्ड पर सबकी नजर –
जिले में इस मर्तबा जिला पंचायत सदस्यों की संख्या बढ़ी है। पिछले चुनाव तक 27 सदस्यों के लिए निर्वाचन प्रक्रिया होती थी लेकिन तिरला सीट को 2 भागों में बांटते हुए क्रमश 11 नंबर और 12 नंबर वार्ड में विभाजित किया गया है जिसके कारण संख्या बढ़ते हुए 28 सदस्य इस बार चुने जाएंगे।
आरक्षण प्रक्रिया के बाद निर्वाचन शाखा के अनुसार 28 में से 2 वार्ड अनुसूचितजाति वर्ग, 18 वार्ड अनुसूचितजनजाति वर्ग और 8 वार्ड अनारक्षित वर्ग के लिए रहेंगे।
इसके साथ ही 14 वार्डों में महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगी, जिनमें से सबसे ज्यादा अनुसूचितजनजाति वर्ग की 9 महिलाएं होंगी। ऐसे में अनारक्षित वर्ग के 8 वार्डों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा होगी और सभी की नजर इन पर बनी रहेगी।