धार। सड़कों पर डिवाइडरों के बीच में लगे डेल्टीनेटर गायब हो रहे हैं। एक डिटोनेटर 925 रुपये से लेकर 350 रुपये तक का है। इस मामले में मंगलवार को इस तरह के मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं करवाए जाने की चर्चा के दौरान सीएमओ एवं आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत के मध्य बहस हो गई।
इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि सीएमओ के पक्ष में सभी कर्मचारी लामबंद हो गए और काम बंद की घोषणा कर दी। इस दौरान मामला एफआईआर दर्ज कराने तक पहुंच गया। दोनों और से आरोप-प्रत्यारोप किए गए।
सीएमओ का आरोप था कि आरटीआई कार्यकर्ता ने उनके साथ अप्रिय व्यवहार किया है। इधर सावंत का कहना था कि डेल्टीनेटर गायब हो रहे हैं। इस मामले को संज्ञान में लाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी जिसमें विवाद खड़ा हुआ है।
दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे तक आरोप-प्रत्यारोप व बहस चली। अंतत: दोनों पक्षों ने विवाद को तूल देने की बजाय समन्वय बनाया, जिसके बाद सौहार्द्रपूर्ण पटाक्षेप हो गया।
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हाथ मिलाए, कहा आज के वादों का पालन करेंगे –
मंगलवार को हुए विवाद में सीएमओ का आरोप था कि सावंत ने उनके साथ अभद्र शैली में बात की। इधर सावंत का आरोप था कि मामला सचूना के अधिकार की जानकारी से जड़ा हुआ था।
दबाव बनाने के लिए विवाद खड़ा किया गया। इस दौरान कर्मचारी इतने नाराज हो गए कि उन्होंने शहर में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित साफ-सफाई व अन्य कार्यों को बंद करने का ऐलान कर दिया।
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कर्मचारी सीएमओ कक्ष के सामने एकत्रित हो गए। घटना की जानकारी के बाद पलिुस मौके पर पहुंची। हालांकि उन्होंने मामले को मौके पर ही सुलझने का इंतजार किया।
विवाद के दौरान मीडियाकर्मियों ने मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष को समझाइश दी जिसके बाद सीएमओ और सावंत ने आपस में हाथ मिलाए और एक-दूसरे से अनजाने में हुए विवाद को लेकर कहा कि आप भी भूल जाओ हम भी भूल गए।
तय हुए नियम –
तीन घंटे की बहस के दौरान सीएमओ ने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा लगातार जानकारियां मांगी जाती हैं। पुरानी जानकारियां समयावधि में तैयार नहीं हो पाती हैं। विलंब होने पर सावंत कर्मचारियों से ही देरी को लेकर सवाल-जवाब करते हैं।
सीएमओ ने कहा कि जानकारी मांगें, हमें कोई दिक्कत नहीं, लेकिन कर्मचारियों से पूछताछ ना करें। अपील का प्रावधान है। समय पर जानकारी ना मिले तो अपील में जाए। सवाल-जवाब से हमें प्रताड़ना होती है।
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इधर सुनील सावंत ने भी वादा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, जानकारियां मांगी जाएगी, लेकिन अब तरीका नगरपालिका के अनुसार करेंगे। जानकारी नहीं देंगे तो सवाल नहीं पूछेंगे। अपील में जाएंगे।
कुल मिलाकर विवाद में भले ही अभद्र भाषा का उपयोग का मामला था, लेकिन पीछे की तल्खी जानकारियों को लेकर थी। उससे भी बड़ी तल्खी बार-बार सवाल-जवाब को लेकर थी जिसको लेकर दोनों ने आदर्श आचार संहिता जानकारी मांगने और ना मिलने पर व्यवहार को लेकर बनाई है।
खुश हुए कर्मचारी, कहा- विवाद तो हम भी नहीं चाहते –
मंगलवार के विवाद में कई लोग ऐसे भी थे जो इस विवाद का पटाक्षेप होने की बजाय हंगामा बढ़ने की उम्मीद में थे। ऐसे लोगों की उम्मीदों पर सीएमओ विजय कुमार शर्मा, नगरपालिका के कर्मचारियों और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत ने पानी फेर दिया।
जहां थाने तक जाने की बातें हो रही थीं। वहीं बाद में कर्मचारी नेता हुसैन भाई ने सीएमओ और सावंत को गले मिलने पर मजबूर कर दिया। कुल मिलाकर तीन घंटे के विवाद में सभी ने समझदारी दिखाई।
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विवाद खत्म होने के बाद कर्मचारियों ने कहा कि हम भी विवाद नहीं चाहते हैं। सावंत जी भी अपने, शहर भी अपना और सब सुख-शांति ही चाहते हैं।
सड़कों पर डिवाइडरों के मध्य 900 से लेकर 300 कीमत के डेल्टीनेटर लगाए गए है। यह धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। इस मामले में सीएमओ से जनहित में इस प्रकार के तत्वों के खिलाफ थाने में सूचना देने की बात को लेकर चर्चा के दौरान विवाद खड़ा हुआ है। उन्हें जानकारी मांगने को लेकर मेरे से जो दिक्कत थी। मैं उन दिक्कतों को दोबारा नहीं दोहराऊंगा। यदि जानकारी समय पर नहीं देंगे तो अपील करूंगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करूंगा।
– सुनील सावंत, आरटीआई कार्यकर्ता धार
मंगलवार को आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत द्वारा डेल्टीनेटर गायब होने के मामले में चर्चा के दौरान अप्रिय शैली में बात की गई थी। इससे कर्मचारी भी नाराज हो गए थे। इसके चलते हंगामे की स्थिति बनी थी। हमारे मध्य जो भी संवाद हुआ है। हमने मिल-जुलकर उसका निपटारा कर लिया है। जानकारी देने में कोई आपत्ति नहीं है। डेल्टीनेटर गायब होने का जो मामला बताया है। उस मामले में जांच करवाते हैं।
– विजय कुमार शर्मा, सीएमओ नपा धार