कलेक्टर ने की खरीफ फसलों की तैयारियों की समीक्षा, कहा- पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें बीज


जिले में खरीफ फसलों के लिए बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें और यह सुनिश्चित किया जाए कि बीज गुणवत्ता वाले हों। यह निर्देश जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित खरीफ फसलों की तैयारियों की समीक्षा बैठक में दिए।


आशीष यादव आशीष यादव
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धार। जिले में खरीफ फसलों के लिए बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें और यह सुनिश्चित किया जाए कि बीज गुणवत्ता वाले हों। यह निर्देश जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित खरीफ फसलों की तैयारियों की समीक्षा बैठक में दिए।

उन्होंने कहा अधिकारियों संग बैठक में कहा कि सैम्पलिंग व सीड टेस्टिंग पर विषेष ध्यान दिया जाए। जिले में डीएपी तथा यूरिया की खपत अनुरूप मांग का प्रस्ताव अभी से भेजा जाए। खाद का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। जिले के डबल लॉक भंडारण स्थल पर दो-दो कर्मचारियों तथा सिंगल लॉक पर भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित किया जाए।

राजोद, सरदारपुर तथा भानगढ समितियों की जांच कर उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। नकली खाद बीज विक्रय करने वाले व्यापरियों के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जाए। जिले में यूरिया, डीएपी, काम्पलेक्स तथा पोटास उर्वरक उचित मात्रा में उपलब्ध रहें और साथ ही भंडारण की भी उचित व्यवस्था उपलब्ध रहे।

सभी अधिकारी अपने विभाग की अपडेट जानकारी के साथ बैठक में आना सुनिश्चित करें। सभी सोसायटी की बैठक आयोजित की जाए और निर्देश दिए जाएं कि रकबे के अनुरूप ही उर्वरक प्रदान किया जाए।

बैठक में उन्होने किसान कल्याण विभाग, जिला विपणन, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, उद्यानिकी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मत्स्य विभाग तथा रेशम विभाग की विस्तार से समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उद्यानिकी विभाग तथा पशुपालन विभाग के द्वारा अद्यतन जानकारी के साथ बैठक में उपस्थित नहीं होने पर उन्होने नाराजगी जाहिर की।

बैठक में बताया गया कि खरीफ फसल के लिए जिले में कुल 5.147 लाख हेक्टेयर बोनी प्रस्तावित किया गया है जो गत वर्ष 5.145 लाख हेक्टेयर के लगभग बोनी रकबा शतप्रतिशत बोनी की गई थी। इस वर्ष भी बोनी का रकबा शतप्रतिशत अच्छादित होगा।

जिले में इस वर्ष कुल 112,850 क्विंटल बीज की मांग प्रस्तावित है। गत वर्ष 111,713 क्विंटल पूर्ति की तुलना में एक प्रतिशत से अधिक है एवं सभी फसलों के बीज प्रतिस्थापन दर 33 प्रतिशत से अधिक हैं। इस वर्ष मांग के विरूद्ध 108,487 क्विंटल बीज की उपलब्धता समन्वय कर सुनिश्चित की गई है। शेष 4363 क्विंटल की कमी परिलक्षित है।

जिले में खरीफ 2021 के लिए कुल उर्वरक लक्ष्य 180400 मैट्रिक टन के विरूद्ध अब तक 51551 मैट्रिक टन उपलब्धता है जो लक्ष्य का 29 प्रतिशत भंडारण है। नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।

जिले में प्रमुख फसल सोयाबीन है जो इस वर्ष 2.837 लाख हेक्टेयर बोनी प्रस्तावित की गई है, जो गतवर्ष 2.901 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2.22 प्रतिशत कमी किया जाना प्रस्तावित है जिसका प्रमुख कारण विगत दो वर्षो से फसल कटाई तक बारिश होने से सोयाबीन की फसलों की उपज प्रभावित हो रही है।

सोयाबीन के स्थान पर कपास एवं मक्का फसल को रिपलेस किया जाना है तथा सोयाबीन में रेजबैड एवं रिजफरो पद्धति से बोने के लिए कृषकों में जागरूकता लाई जा रही जिससे कम एवं अधिक बारिश से सोयाबीन की फसल को नुकसानी से बचाई जा सके।

कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने कीटनाशक, बीज एवं उर्वरक के नमूने लेने एवं गुण नियंत्रण संबंधी कार्यवाही के लिए जिले में निरीक्षक दलों का गठन किए जाने का आदेश जारी किया है। आदेश के तहत कृषि विभाग के कुल 14 अधिकारियों को दल में शामिल किया गया है।

सहायक संचालक कृषि डीएस मौर्य को नोडल अफसर बनाया गया है। उक्त दल के अधिकारियों को उर्वरक/बीज/ कीटनाशक गुण नियंत्रण हेतु जिला नोडल अधिकारी व निरीक्षक निर्माण इकाई, जिले में स्थित उर्वरक, कीटनाषक इकाई तथा बीज निर्माता कंपनी एवं बीज उत्पादक सहकारी समिति के यहां से नमूने लेने एवं निरीक्षण संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।

इसी प्रकार उप संभागीय नोडल अधिकारी प्रतिदिन अपने निरीक्षकों द्वारा लिए गए नमूने एवं विक्रेताओं के निरीक्षण की प्रगति प्रति सप्ताह संकलित करेंगे तथा निरीक्षक द्वारा भी अपने क्षेत्र के विक्रेताओं का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रति सप्ताह उप संभाग नोडल अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे।

निरीक्षकों के द्वारा उर्वरक विक्रेताओं के निरीक्षण करते समय पीओएस मशीन एवं स्टॉक बुक मिलान अवश्य किए जाने के निर्देश दिए। निरीक्षक द्वारा क्षेत्र में कोई भी बगैर लायसेंस, बगैर अधिकारी पत्र व अवैध रूप से उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक विक्रय करता पाया जाता है तो सीधे वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

इस संबंध में संबंधित तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का सहयोग लिया जा सकता है। कलेक्टर सिंह ने उक्त दल के अधिकारियों को दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया है।



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