धार जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ होने वाली है। धार कलेक्टर ने झोलाछाप डॉक्टरों की धरपकड़ के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं। इस टीम का नेतृत्व एडीएम करेंगे और यह टीम शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना निरीक्षण करेगी।
झोलाछाप डॉक्टरों का खुलासा:
धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा लोगों की जान से खिलवाड़ करने के मामलों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक विशेष टीम का गठन किया है। इस टीम में स्वास्थ्य विभाग के 27 अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। यह टीम शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण करेगी और बिना मान्यता वाले क्लीनिक और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
कार्यवाही की प्रक्रिया:
स्वास्थ्य विभाग की टीम उन डॉक्टरों की जांच करेगी जो आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक पढ़ाई करके एलोपैथिक उपचार कर रहे हैं। इसके अलावा, बिना डिग्री के कंपाउंडर, नर्स और अनट्रेंड स्टाफ द्वारा क्लीनिक चलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
निष्क्रियता का अंत:
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आमतौर पर तभी सक्रिय होते हैं जब कोई बड़ा मामला सामने आता है। इसके बाद कुछ दिनों तक सक्रियता दिखाते हैं, लेकिन फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। लेकिन इस बार, धार कलेक्टर ने सभी क्षेत्रों के एसडीएम और तहसीलदारों को टीम बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि नियमित और प्रभावी निरीक्षण हो सके।
छापामार कार्रवाई:
कलेक्टर ने सभी क्षेत्रों के एसडीएम और तहसीलदारों के निर्देशन में 27 लोगों की टीम बनाई है, जो गली-मोहल्लों में जाकर औचक निरीक्षण करेगी। इन टीमों को म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाए (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 3 के उल्लंघन पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इस तरह, प्रशासन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।