धार। प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी और नियमों की अनदेखी पर बड़ी कार्रवाई की गई है। खासतौर पर फायर ऑडिट में लापरवाही बरतने वाले दो अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं।
इनमें मनावर का रिलेक्स हॉस्पिटल व धार बस स्टैंड स्थित कांग्रेस नेता का नोबल हॉस्पिटल शामिल है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इन दोनों अस्पताल का संचालन किया जा रहा था।
सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी को निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई तरह की कमियां मिली थी। इस पर यह कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किए गए हैं।
इसके तहत मनावर के रिलेक्स हॉस्पिटल व धार के बस स्टैंड स्थित नोबल हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है जबकि धार शहर के तीन बड़े हॉस्पिटलों का लाइसेंस तीन सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है।
इनमें पाटीदार चौराहा स्थित सेहता हॉस्पिटल, तोरनोद ब्रीज स्थित लीलावती हॉस्पिटल व कोर्ट रोड स्थित मेवाड़ हॉस्पिटल शामिल है। तीनों अस्पताल के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर करीब 10 बिंदुओं पर मिली कमियों को सुधारने के निर्देश सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने दिए हैं।
सबसे ज्यादा खामियां सेहता हॉस्पिटल में देखने को मिली थी। सेहता हॉस्पिटल में 12 बिंदुओं पर कमियां चिह्नित की गई हैं, जिसे सुधारने के लिए तीन सप्ताह का वक्त अस्पताल प्रबंधन को दिया गया है।
दो दिन पूर्व किया था निरीक्षण –
सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने दो दिन पहले बुधवार को प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इस दौरान शहर के छह अस्पतालों का निरीक्षण हुआ था। इसमें कई तरह की खामियां सामने आई थी।
अस्पताल संचालन से लेकर मेडिकल संचालकों द्वारा भी नियमों का पालन करना नहीं पाया गया था। शहर के श्रीगणेश हॉस्पिटल में तो फायर कंट्रोल सिस्टम का भी अभाव था। आग बुझाने के लिए अस्पताल में सिर्फ फायर एस्ट्रींगर ही मिले थे।