धार जिले में मानसून के साथ ही डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। अब तक 39 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। तिरला विकासखंड में सबसे अधिक 13 मामले पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित गांवों में लार्वा सर्वे और फॉगिंग का कार्य शुरू कर दिया है।
पिछले पांच सालों में डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है। 2018 में 12, 2019 में 42, 2020 में 81, 2021 में 312, और 2022 में 39 मामले सामने आए थे। 2023 में डेंगू के 272 मामले रिकॉर्ड किए गए थे, जबकि इस साल अब तक 36 मामले पाए गए हैं। सरदारपुर और तिरला हॉटस्पॉट बने हुए हैं।
डेंगू से बचाव के प्रयास
स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में 5 लाख से अधिक मेडिकेटेड मच्छरदानियां बांटी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में टीम भेजकर बचाव के उपाय और दवाई वितरित की जा रही है।
जरूरी सावधानियाँ
– फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
– पानी जमा न होने दें।
– पानी की टंकियों को ढक कर रखें।
– मच्छर मारने वाली सामग्री का उपयोग करें।
– कबाड़ के सामान को साफ रखें।
– बुखार या डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
– पानी जमा होने पर उसमें काला तेल या मिट्टी का तेल डालें।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियाँ
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब तक जिला अस्पताल में अलग वार्ड की तैयारी नहीं की गई है। मरीजों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। महिला मेडिकल वार्ड भी पूरी तरह भरा हुआ है।
अधिकारियों की अपील
सीएमएचओ डॉ. नरसिंह गेहलोद ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और विभाग गांव-गांव जाकर जांच कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. जितेंद चौधरी ने लोगों को सतर्क रहने और पानी जमा न होने देने की सलाह दी है।
अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अपने आसपास के क्षेत्रों में सफाई रखें और किसी भी प्रकार के बुखार या लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।