नाराज़ हो गए नेता जी! “स्कूल में बच्चों को बांट दी साइकिल और माट्साब ने हमें न्यौता तक ना दिया…”


बाग में शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित साइकिल वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए विवाद खड़ा हो गया। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उन्हें सूचना दिए बिना राजनीतिक दल के पदाधिकारियों से साइकिलें वितरित करवाई गईं। उन्होंने जिला कलेक्टर से प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे।


आशीष यादव
धार Updated On :

चुनाव लड़ने वाले और जनता की सेवा का दावा करने वाले राजनेता की तमाम महत्वाकांक्षाओं के साथ अपनी पूछ परख बढ़ने की भी उम्मीद होती है लेकिन जब चुनाव जीतने या सफल होने के बाद भी नेता जी की जनता के कार्यक्रमों में पूछ परख न बढ़े तो उनके दिल को ठेस तो पहुंचेगी ही, ऐसी ही ठेस धार जिले के बाग में कई नेताओं को लगी है।

दरअसल मंगलवार को शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित साइकिल वितरण कार्यक्रम विवादों में घिर गया है। कई जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि राजनीतिक रसूख के चलते उन्हें इस कार्यक्रम से दूर रखा गया। जनपद के जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की कि स्कूल के प्राचार्य ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सूचना दिए बिना, राजनीतिक दल के पदाधिकारियों से साइकिलों का वितरण करवाया। इससे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों में नाराजगी फैल गई है।

 

जनपद अध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि प्राचार्य को पद से हटाया जाए। सबसे हैरानी की बात यह है कि कार्यक्रम की जानकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भी नहीं दी गई थी, जिससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

 

60 छात्राओं को साइकिल वितरण किया गया

कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में 60 छात्राओं को साइकिल वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज किया गया, जबकि राजनीतिक दल के पदाधिकारियों को मुख्य अतिथि बनाकर साइकिल वितरण करवाया गया। जनप्रतिनिधियों ने इसे अपने अपमान के रूप में देखा और इस संबंध में जिला कलेक्टर और जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की।

 

बोले पहले भी हो चुका है तिरस्कार

इन नेताओं के मुताबिक यह पहली बार नहीं है जब जनप्रतिनिधियों को शिक्षा विभाग द्वारा उपेक्षित किया गया हो। जून में भी बाग के सीएम राइज स्कूल में एक कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया गया था, जिसके बाद भी जिला कलेक्टर से शिकायत की गई थी। तब कलेक्टर ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने का आश्वासन दिया था।

 

जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

सकरीबाई नारायण भूरिया, जनपद पंचायत बाग की सदस्य ने कहा, “शासकीय कार्यक्रम में हमारी भागीदारी हमारा मौलिक अधिकार है। हमें जानबूझकर अपमानित किया जा रहा है। प्रशासन को प्राचार्य को हटाकर हमारे सम्मान की रक्षा करनी चाहिए।”

शिक्षा समिति अध्यक्ष मंजू राकेश अनारे ने कहा, “शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में राजनीति का घुसपैठ हो रही है। अगर प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो हम आंदोलन करेंगे।”

जनपद सदस्य अंतर कन्नौज ने कहा, “जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा घोर आपत्तिजनक है। प्रशासन को इस मामले में संज्ञान लेकर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया

विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरविंद नायक ने कहा, “इस कार्यक्रम के बारे में मुझे भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जनप्रतिनिधियों की शिकायत प्राप्त हुई है और उसे वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया गया है।”


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