धार। पर्यटन नगरी मांडू में पाया जाना दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ काटने का मामला गरमाने के बाद अब कटे हुए पेड़ों को दोबारा लगा दिया गया है। कलेक्टर की फटकार के बाद मांडू के समीप ग्राम पनाला में जिन पेड़ों को काटकर रखा गया था, उन्हें दोबारा गड्ढा खोदकर लगाया जा रहा है जिसके लिए एक्सपर्ट की भी मदद ली गई है।
एक्सपर्ट की निगरानी में इन पेड़ों को दोबारा से लगाया गया। हालांकि अब यह दोबारा से हरे-भरे होते हैं या नहीं, यह भविष्य में ही देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि हैदराबाद के एक निजी गार्डन संचालक रामदेव राव द्वारा इन पेड़ों को कटवाकर ले जाने की तैयारी थी। गत वर्ष भी गार्डन संचालक द्वारा पेड़ ले जाए गए थे। इस बार भी पेड़ों की कटाई की जा रही थी।
किसानों को लालच देकर दुर्लभ प्रजाति के पेड़ों की कटाई की जा रही थी। यह खुरासानी इमली के पेड़ पूरे भारत में कहीं नहीं मौजूद हैं इसलिए यह काफी दुर्लभ हैं, लेकिन इन पेड़ों की कटाई कर इन्हें हैदराबाद ले जाया जा रहा था।
मांडू से खुरासानी इमली के पेड़ शनिवार 6 मई से ट्रॉलों में लोड कर हैदराबाद ले जाने की तैयारी थी, लेकिन जागरूक ग्रामीण और युवाओं ने अवैध रूप से मांडू की प्राकृतिक धरोहर विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक खुरासनी इमली के पेड़ों को ले जाने का विरोध किया जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया।
इसके बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर तुरंत प्रभाव से ऐतिहासिक खुरासानी इमली पेड़ों की कटाई और परिवहन पर आदेश जारी कर प्रतिबंध लगाया।
सात दिन बाद शुक्रवार को हैदराबाद ले जाने के लिए ट्रॉलों में लोड तीन खुरासानी इमली के पेड़ों को नायब तहसीलदार राहुल गायकवाड़ की निगरानी में पुनः मांडू में रि-प्लांट किया गया।
7 दिन से ट्रॉले में पड़े पेड़ क्या फिर से हरे भरे होंगे –
पिछले शनिवार से शुक्रवार तक 7 दिन से ट्रॉले में लदे पेड़ पुनः मांडू में रि-प्लांट करने के बाद क्या फिर से हरे-भरे हो पाएंगे, ये कोई नहीं जानता क्योंकि जिस विधि से इन पेड़ों को हैदराबाद में ट्रांसप्लांट करना था उस विधि से ये पेड़ पुनः मांडू में रि-प्लांट नहीं किए गए हैं।
जो कंपनी इन्हें ले जा रही थी ये उसका दायित्व था, लेकिन कंपनी के लोगों ने इस से अपने हाथ खड़े कर दिए। नायब तहसीलदार राहुल गायकवाड़ के कहने पर केवल अपना एक प्रतिनिधि भेज दिया और इतिश्री कर ली।
मांडू के युवा धीरज चौधरी ने बताया कि पेड़ रि-प्लांट तो किए गए हैं, लेकिन कंपनी ने इसमें लापरवाही बरती है। बिना किसी विशेषज्ञ के ही गड्ढा खोद कर पेड़ों को उनमें खड़ा कर मिट्टी डाल दी गई है इसलिए इन पेड़ों का पुनः हरा-भरा होना बहुत मुश्किल है।
जिम्मेदार का नंबर बंद –
देशगांव संवाददाता ने खुरासानी इमली मामले में जब नायब तहसीलदार राहुल गायकवाड़ से जानकारी लेना चाही तो उनका मोबाइल नंबर बंद पाया गया।