बारिश के बाद खिल उठीं फसलें, खेती किसानी के काम में आई तेज़ी


खरपतवार हैं किसानों के लिए मुसीबत, बारिश की खेंच ने बढ़ा दी है यह समस्या


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

लंबे समय तक बारिश की खेंच के बाद अब फसलों को पानी मिलने से किसान एक बार फिर खेती-बाड़ी के काम में जुट गए हैं। पिछले दो सप्ताह से क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण खेती-बाड़ी का काम ठप पड़ा था। खरपतवार की बढ़ती समस्या से किसान चिंतित थे। अब बारिश होने और मौसम साफ होने पर किसानों ने एक बार फिर खेतों की ओर रुख कर लिया है।

किसानों ने समय रहते खरपतवारनाशक का छिड़काव कर दिया, क्योंकि बारिश नहीं होने से जमीन में नमी नहीं थी। जैसे ही बारिश आई, किसान सक्रिय हो गए। बारिश और धूप मिलते ही फसलें खिल उठी हैं, लेकिन अभी भी फसलों को तेज बारिश की जरूरत है।

बारिश और धूप मिलते ही खिल उठी फसलें:

पिछले कई दिनों से क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसानी का काम रुका हुआ था। अब जाकर किसानों ने राहत की सांस ली है। दो सप्ताह बाद हुई बारिश से खेतों में अंकुरित खरीफ फसलें धूप मिलने से खिल उठी हैं। दूसरी ओर, जिन किसानों के खेतों में कीट और पतंगे लगे हैं, वे कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं। कुछ किसान खरपतवार के नियंत्रण के लिए भी उपाय कर रहे हैं।

सोयाबीन फसल में खरपतवार को नियंत्रित करें

जिले के कृषि अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि जहां सोयाबीन की बुवाई पहले ही की जा चुकी है और फसल 15 से 20 दिन की हो गई है, वहां खरपतवार का नियंत्रण आवश्यक है। फसल की प्रारंभिक अवस्था में 30-45 दिनों तक खरपतवारों का प्रकोप अधिक होता है, जिनका नियंत्रण जरूरी है। अगर किसानों द्वारा खरपतवारों पर नियंत्रण नहीं किया जाता है, तो पौधे कमजोर और पतले हो जाएंगे, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा और उपज कम मिलेगी।

…भौतिक विधियों से खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बखरने पर डोरा या कुल्फा चलाकर खरपतवारों को नष्ट करें। इस विधि से खरपतवार नियंत्रण करने पर सड़ने से फसल को जैविक खाद भी प्राप्त होती है। दवा का छिड़काव करते समय सावधानी बरतनी जरूरी है। हाथों में दस्ताने पहनें और मुंह पर कपड़ा बांधकर हवा की दिशा में छिड़काव करें।

इस बार बरसात की खेंच:

इस बार बोवनी के बाद से ही पानी नहीं आने से किसानों ने चारे को नष्ट करने वाली दवाई का छिड़काव नहीं किया था। अब पिछले दिनों हुई बारिश के बाद दवाई का छिड़काव शुरू करेंगे। अधिकांश सोयाबीन 20 दिन से अधिक की हो गई है। देवीलाल यादव, किसान, सकतली

 

इस बार बारिश की लंबी खिंच के कारण किसानों को खरपतवारनाशक का छिड़काव समय से पहले करना पड़ा क्योंकि पर्याप्त बारिश का इंतजार किया जा रहा था। जब तक बारिश नहीं होती, तब तक खरपतवारनाशक का छिड़काव नहीं किया जा सकता।

विजय गोस्वामी, किसान, अनारद

 

कृषि वैज्ञानिक की सलाह…

किसानों को अपने खेत में पर्याप्त नमी होने पर ही खरपतवारनाशक का छिड़काव करना चाहिए और छिड़काव के वक्त साफ पानी का उपयोग करना चाहिए। कई क्षेत्रों में छिड़काव का काम चल रहा है। किसानों को 500 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दवा के साथ छिड़काव करना चाहिए और एक साथ दो-तीन दवाइयों को मिक्स नहीं करना चाहिए।

जी.एस. गठिया, कृषि वैज्ञानिक, धार



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