पीथमपुरः क्रेशर प्लांट के धमाकों से दरक रहीं घर की दीवारें, हादसे के अंदेशे की शिकायत लेकर पहुंचे लोग


इंडस्‍ट्रियल एरिया पीथमपुर के ग्राम खेड़ा में खदान से पत्‍थर निकालने के लिए हो रहे धमाके से परेशान हैं स्थानीय निवासी, कलेक्‍टर से की शिकायत। क्रेशर प्लांट के मालिक ने स्थानीय निवासियों पर लगाया जानबूझ कर परेशान करने का आरोप।


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धार Updated On :
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धार। खदानों की कॉलोनी कही जाने वाली इंडस्‍ट्रियल एरिया पीथमपुर में जिले की सबसे ज्‍यादा क्रेशर प्‍लांट लगे हुए हैं। इंडस्‍ट्री एरिया में लगातार हो रहे डेवलपमेंट और इंदौर से जुड़ाव के कारण क्रेशर प्‍लांटों में डिमांड भी बहुत अधिक रहती है।

यही कारण है कि जिले की कुल गिट्टी खदानों की संख्‍या में आधे से ज्‍यादा खदानें पीथमपुर में मौजूद हैं। पीथमपुर में जो खदानें चल रही हैं, उससे आम लोगों की जिदंगी भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इसका ताजा उदाहरण पीथमपुर के ग्राम खेड़ा में संचालित हो रही गिट्टी खदान को लेकर सामने आई है।

खेड़ा से आए ग्रामीण अतुल रघुवंशी, रितेश प्रजापति, विशाल प्रजापति, सुनील मुकाती, शिवनारायण, जगदीश रघुवंशी, समंदर सिंह, सुरेंद्र आदि ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए आवेदन में शिकायत की है कि खेड़ा के वार्ड क्रमांक 20 के हम सभी निवासी हैं। आसपास घनी आबादी और कॉलोनी सहित खेत हैं। यहां पर 200 फीट की दूरी पर बाबा स्‍टोन क्रेशर के नाम से एक क्रेशर गिट्टी प्‍लांट संचालित है। क्रेशर प्‍लांट शासकीय भूमि पर लीज पर है। क्रेशर प्‍लांट संचालक द्वारा वर्तमान में बड़ी मशीनों की सहायता से ब्‍लास्टिंग की जा रही है। इस ब्‍लास्टिंग के कारण बड़े-बड़े पत्‍थर उड़कर सीधे हमारे घरों पर आ जाते हैं।

आवेदन में बताया गया है कि क्रेशर प्‍लांट के नजदीक ग्राम जामोदी, खेड़ा व सागौर रोड है। इस रोड पर आने-जाने वाले लोगों को जान-माल का खतरा बना रहता है। स्‍टोन क्रेशर से पूरे क्षेत्र में अत्‍यधिक धुल का गुबार भी निकलता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है।

इससे ग्रामीणों के स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान होता है। साथ ही क्रेशर के अत्‍यधिक आवाज से स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरित असर होता है। बच्‍चों को पढ़ाई करने व बुजुर्गों को भी स्‍वास्‍थ्‍य में काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है।

क्षेत्र में निवासियों द्वारा प्‍लांट को बंद करने का निवेदन किया गया था, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इसका परिणाम है 6 फरवरी 2023 को एक शादीशुदा युवक अनिल सोलंकी पिता नारायण सोलंकी निवासी ग्राम खेड़ा की इस खदान में गिरने से मौत हो गई है जिसकी गहराई 60 से 70 फीट है। ग्रामीणों ने मांग की है कि लीज को तुरंत निरस्‍त कर क्रेशर बंद करवाई जाए।
वहीं, क्रेशर संचालक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। ग्रामीणों की पहले भी मैंने पुलिस को शिकायत की थी। मेरे स्‍टाफ के साथ मारपीट के मामले में रिपोर्ट भी दर्ज है।

ग्रामीण काम नहीं करने देना चाहते, इसलिए आए दिन इस तरह की शिकायत करते हैं। मेरे पास 2028 तक की लीज है, साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी है, साथ ही मापदंडो के अनुसार ब्‍लास्‍ट‍िंग विशेषज्ञों की उपस्थिति में होती है।

उन्होंने बताया कि मेरे खदान से पहले गांव से लगी हुई 50 मीटर की दूरी पर भी एक खदान संचलित होती है, लेकिन वह स्‍थानीय व्‍यक्ति की होने के कारण ग्रामीणों ने कभी उसकी शिकायत नही की है। मुझे जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है।

इधर इस मामले में जिला खनिज अधिकारी आराध्‍य भिडे ने बताया कि ग्राम खेड़ा के ग्रामीणों द्वारा जनसुनवाई में आवेदन दिया गया है, आवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


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