तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, लापरवाह बने हुए हैं आम लोग व प्रशासन


जिले व शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है इसके बावजूद प्रशासनिक अमला भी ख़ास सक्रिय नज़र नहीं है। इस बीच आम लोग भी लापरवाह बने हुए हैं।


आशीष यादव
धार Updated On :
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धार। जिले व शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है इसके बावजूद प्रशासनिक अमला भी ख़ास सक्रिय नज़र नहीं है। इस बीच आम लोग भी लापरवाह बने हुए हैं।

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद अब तक प्रशासन की ओर से मास्क, शारीरिक दूरी आदि कोरोना से बचाव के सरकारी निर्देशों का पालन सख़्ती से नहीं करवाया जा रहा है। कुछ दिनों पहले तक मास्क चेकिंग अभियान चलाकर खानापूर्ति की गई।

मरीज व परिजनों के साथ हो रहा दुर्व्यवहार –

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों और मरीजों के परिजनों के साथ डॉक्टर व स्टाफ के द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है। वहां एडमिट मरीजों ने जब कोरोना पेशेंट की मृत्यु के बाद उसकी लाश घंटों वहां पड़ी रहने के बाद डॉक्टरों से कहा कि इसे यहां से उठवाकर पोस्टमार्टम रूम में रखवा दीजिए जिससे हमें परेशान ना होना पड़े।

इतना सुनते ही डॉक्टर ने उन्हें कहा कि तुम सबको मैं यहां से बाहर कर दूंगा। तुम कौन होते हो मुझे कहने वाले। यह शब्द कहकर उन्हें चुप करा दिया गया। यहां आये दिन मरीजों व उनके परिजनों से दुर्व्यवहार किया जाता है।

वहीं कोई इसकी शिकायत करता है तो डॉक्टर कहते हैं कि तुम मुझे नौकरी करना सिखाओगे। आए दिन मरीज दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं। इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसकी शिकायत की गई है, लेकिन फिलहाल तो जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब देखते हैं कि जिम्मेदारों द्वारा कब और क्या कार्रवाई की जाती है।

मरीज जिन डॉक्टर को भगवान मान रहे हैं वहीं डॉक्टर अपने मरीजों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं। वही मरीजों के परिजनों को डॉक्टर व नर्सों को बुलाकर अपने मरीजो का इलाज करवाना पड़ रहा है।

नहीं थम रहा कोरोना का कहर, लगातार बढ़ रहे मौत आंकड़े बढ़ा रही चिंता –

कोरोना वायरस की दूसरी लहर एक तरह से जिले में कहर बरपा रही है, जहां संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वहीं, जिस रफ्तार से संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो रही है, वह जिले के लिए चिंताजनक है।

एक ओर जहां संक्रमित मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं, वहीं जिला चिकित्सालय में सीमित ऑक्सीजन व कम संख्या में बेड मरीजों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं।

समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण बीते कुछ दिनों में कई संक्रमित मरीजों ने अपने जान भी गंवा दिए हैं। इसके अतिरिक्त जिला चिकित्सालय में एंटीजन टेस्ट किट की कमी होना तथा आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाना भी आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।

समय पर रिपोर्ट नहीं आ पाने के कारण मरीजों का उपचार भी समय पर नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप मरीज ज्यादा संक्रमण के शिकार हो रहे हैं और अपनी जान भी गंवा रहे हैं।

बता दें कि संक्रमित मरीजों के वार्डों में भी सैनिटाइजर व साफृसफाई भी नहीं हो रही है। अधिकांश पंखे भी बंद नजर आ रहे हैं। मरीज के परिजन स्वयं के पंखे घर से ला रहे हैं।

संसाधन ही नहीं, कैसे थमेगा कोरोना का कहर –

कोरोना अपने पैर दिन-प्रतिदिन पसारता जा रहा है। दिन पर दिन नए मामले सामने आने से जहां जनता जबर्दस्त तरीके से परेशान है, तो वहीं प्रशासनिक अमला जरूरी व्यवस्थाएं करते हुए संसाधन समय पर मुहैया नहीं करवा पा रही है।

इसी का नतीजा है कि जिले की सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे कई लोगों के सैंपल लेकर इंदौर भेजना पड़ रहे हैं। दरअसल, जिले में रेपिड किट की कमी होने की वजह से ऐसे हालात बने हैं।

गौरतलब है कि रेपिड किट बहुत जल्दी खत्म हो रही है, तो वही शासकीय हॉस्पिटल में सिटी स्कैन की मशीन तक नहीं। इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन विडंबना यह है कि प्रशासन जरूरत के हिसाब से सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। उधर, जांच करवाने के बाद समय पर जांच रिपोर्ट नहीं आने से लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

गांवों में भी बढ़ा खौफ –

शहर के साथ ही अब गांवों में भी कोरोना का खौफ साफ देखा जा रहा है। लोगों ने एक-दूसरे के घर आना-जाना बंद कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में दोपहर में नजर आने वाली भीड़ अब नजर नहीं आती है।

पंचायतों द्वारा पंचायत भवन को कोविड रूम बना दिया गया है जो भी व्यक्ति संक्रमित होता है उसे पंचायत भवन में रखा जा रहा है, लेकिन कई गांवों में लापरवाही अभी बरकरार है। गांवों में भी कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं।

सीबीएमओ डॉ. अनिता दहाने ने बताया कि लगातार टेस्ट किए जा रहे हैं। रोज लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं व लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक भी किया जा रहा है। लोगों को संभलने की सख्त आवश्यकता है।

मांग के अनुसार अस्पतालों में अभी न ऑक्सीजन और न इंजेक्शन –

जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़ते ही मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह है कि एक सप्ताह में सिलेंडरों की खपत ढाई गुना से ज्यादा बढ़ गई।

बढ़ी हुई मांग को देखते हुए धार प्रशासन ने मशक्कत करने के बाद जिला अस्पताल को ऑक्सीजन के छोटे-बड़े 160 से अधिक सिलेंडर मुहैया कराए हैं। इधर, 168 कोरोना मरीजों के साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों को मिलाकर फिलहाल जिला अस्पताल में कुल 50 से अधिक मरीज ऐसे हैं जिन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया है।

इतने मरीजों के लिए अस्पताल में अब सिर्फ 120 सिलेंडर ही बचे हैं। वही इंजेक्शन का इंतजाम भी नहीं है, जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन भी नहीं मिल पाए हैं। शनिवार को सिर्फ 30 इंजेक्शन ही मिल सके।

ज्ञात रहे एक मरीज को कम से कम 5 इंजेक्शन लगाए जाने हैं। ऐसे में जो 40 इंजेक्शन मिले हैं उससे सिर्फ 4 मरीजों का ही ट्रीटमेंट हो सकेगा। वही इंजेक्शन की शहर में कालाबाजारी हो रही है, जिस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

जिले में रोजाना 150 से अधिक इंजेक्शन की आवश्यकता है लेकिन महज 30 ही पहुंचे हैं। सरकारी आंकड़े में कुल प्राप्त रेमडेसिविर 289 मरीज़ों को भोज अस्पताल में लगे। आये दिन इंजेक्शन की मांग बढ़ती जा रही है।

अस्पताल में स्टाफ की कमी भी सामने आई –

जिले में तेजी से फैल रहे संक्रमण के कारण अब मरीजों को उपचार देने के लिए डॉक्टर व स्टाफ की भी कमी पड़ गई। स्थिति यह है कि गिने-चुने डॉक्टर व स्टाफ को संक्रमित रोग के उपचार के लिए लगाया गया है।

उन्हें पिछले 15 दिनों से छुट्टी नहीं मिल सकी है। जिले में कई बड़े नेता हैं लेकिन वो भी आज तक जिला अस्पताल में ना एमडी व एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थ करवा सके हैं। गत दिनों हुई बैठक में निजी डॉक्टरों ने अपनी सेवा जिला अस्पताल में देने का फैसला लिया है।

अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता –

बढ़ते संक्रमण के कारण अब पूरे जिलेवासियों पर खतरा मंडराने लगा है। इसके पीछे जिले के प्रशासनिक अफसरों और चुने हुए जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता सबसे बड़ा कारण है। पिछले तीन माह से शुरू हुई संक्रमण की दूसरी लहर को देखने के बावजूद न तो अधिकारियों ने सख्त निर्णय लिए और न ही जनप्रतिनिधियों ने जिसका खमियाजा आज जिले की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

8 दिन में हुए 1160 संक्रमित –

7 से 13 अप्रैल तक जहां जिले में 52 से 141 के बीच संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे। वो अचानक बढ़ने लगे और 14 अप्रैल को सीएमएचओ दफ्तर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार 161 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए।

15 अप्रैल को 162 और 16 को विस्फोटक रूप में 170 संक्रमित सामने आए। 17 अप्रैल को 168 लोग कोरोना पॉजिटिव आए, वहीं 18 को 163 लोग। दूसरी ओर कोरोना से जीत कर सात दिन में 532 से अधिक लोग स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं।

लोगो के सहयोग की आवश्यकता है –

अभी जिले में ऑक्सीजन की पूर्ति तो हो गई है। अन्य संसाधन भी जुटाए जा रहे हैं। लोगों के सहयोग की आवश्यकता है। लोग कंफ्यूज नहीं हों और जब तक जरूरी ना हो हॉस्पिटल नहीं आएं। घरों में रहें। हमारा जिले का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से लोगों की सेवा में लगा हुआ है।

– जितेंद्र चौधरी, सीएमएचओ, धार


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