धार। होम्योपैथिक दवाओं के प्रति लोगों का विश्वास धीरे-धीरे बढ़ा है। उपचार के लिए इसे कारगर माना जाने लगा है। यह बात होम्योपैथिक महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. आशुतोष मकवाना ने रविवार को आरोग्य सेवा संस्था के माध्यम से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान कही।
कोरोना महामारी को देखते हुए भारत व मध्यप्रदेश सरकार आयुष विभाग ने अब होम्योपैथिक दवाओं से इलाज की छूट दे दी है। इसके लिए बकायदा विज्ञापन भी जारी किया गया और उसमें कौन-कौन सी दवाइयों को अनुमति दी गई है, उसे भी सार्वजनिक किया गया है। किस प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।
रविवार को आरोग्य सेवा संस्था के माध्यम से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में वक्ता और मुख्य अतिथि होम्योपैथिक महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. आशुतोष मकवाना ने विद्यार्थियों के साथ-साथ आम लोगों को ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से बताया कि किस तरह से भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने उपचार करने के लिए दवाइयों को अनुमोदित किया है।
डॉक्टर मकवाना ने बताया कि वैसे तो कोरोना वायरस के उपचार की किसी भी पैथी में कोई दवाई अभी तक नहीं खोजी गई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वायरस के कारण मनुष्य के शरीर पर नुकसान हो रहे हैं। उन नुकसान उसे बचाने के लिए होम्योपैथिक दवा भी कारगर साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि इसीलिए भारत सरकार से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश के आयुष मंत्री ने बकायदा इसके लिए होम्योपैथिक चिकित्सकों को उपचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं विभिन्न दवाइयों का भी जिक्र किया गया कि किस तरह से उसका लाभ मिल सकता है।
डॉ. मकवाना ने बताया कि कोरोना महामारी में आने वाले सभी तरह के लक्षण जैसे सांस लेने में तकलीफ, खांसी, लंबे समय रहने वाला बुखार, खुशबू का नहीं आना, स्वाद का नहीं आना, कमजोरी लगना, ऑक्सीजन की कमी जैसे लक्षणों में बहुत ही कम समय में मरीज को पूरी तरह आराम मिल रहा है।
डॉ. मकवाना ने बताया कि आजकल देखने में आया कि सोशल मीडिया पर कई तरह की दवाइयों का इस्तेमाल करना बताया जाता है। कई जानकारियां सही होती हैं, लेकिन कई जानकारियां गलत भी होती हैं इसलिए जरूरी है कि जो इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जानकारियां परोसी जा रही हैं। उसकी विश्वसनीयता को जांचा जाए।
उन्होंने इस मौके पर विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों के प्रश्नों के जवाब दिए और कहा कि चिकित्सकों की उचित सलाह के साथ ही होम्योपैथिक दवा लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि लोगों में यह मिथ फैली हुई है कि होम्योपैथिक दवाई तेजी से असर नहीं करती है जबकि यह दवाइयां भी तेजी से असर करती हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो दवाइयां अनुमोदित की गई हैं, उनका ही उपयोग होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोगों को स्पष्ट हो जाना चाहिए कि कोरोना वायरस की कोई दवा अभी तक नहीं बनी है। हालांकि, जिस तरह से शरीर के अंगों फेफड़े, लीवर, किडनी से लेकर अन्य कई परेशानी आ रही है। उससे बचने के लिए होम्योपैथिक में कारगर दवाई है।
उन्होंने बताया कि हम महाविद्यालय में विद्यार्थियों को यही बताते हैं कि किस तरह से मरीजों के लक्षण के आधार पर दवाइयों का उपचार करें। इस समय जबकि सभी लोग तनावग्रस्त हैं।
एक बहुत ही चिंताजनक स्थिति है तो जरूरी है कि हमें होम्योपैथी प्रणाली के चिकित्सक भी अपनी ओर से इस महामारी में अपना योगदान दें। मानवता के लिए सभी कार्य करें। देश को आज सभी की आवश्यकता है।