धार में क्लर्क की गलती से नप गए लापरवाही करने वाले CMHO और सिविल सर्जन, सीधे भोपाल से आया आदेश


विकलांगता प्रमाण पत्र समय पर जारी न करने की शिकायत के बाद धार के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को पद से हटा दिया गया। भोपाल से आई इस कार्रवाई ने स्वास्थ्य विभाग में हलचल मचा दी है।


आशीष यादव
धार Updated On :

धार जिले में स्वास्थ्य विभाग के भीतर एक छोटी सी लापरवाही CMHO और सिविल सर्जन के लिए बड़ी मुसीबत बन गई। विकलांगता प्रमाण पत्र के समय पर न बनने की शिकायत पर भोपाल से आए आदेश के तहत  सीएमएचओ डॉ. नरसिंह गेहलोत और सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र चौधरी को उनके पद से हटा दिया गया। इस घटना से विभाग में हड़कंप मच गया है, लेकिन कर्मचारी इस कार्रवाई के खिलाफ बोलने से बच रहे हैं।

विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए 18 सितंबर को एक आवेदक ने लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया। अगले ही दिन मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर सत्यापन प्रक्रिया पूरी की गई। बावजूद इसके प्रमाण पत्र बनने में दो महीने से अधिक का समय लग गया। 24 नवंबर को जाकर प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किया गया।

आवेदक ने इस देरी को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज की थी। जब शिकायत चौथे चरण पर पहुंची, तो भोपाल स्तर से कार्रवाई हुई। कलेक्टर ने सिविल सर्जन और सीएमएचओ को समय पर निराकरण करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके स्तर पर समय सीमा का पालन नहीं किया गया।

13 बार दी गई याद दिलाया लेकिन…

शिकायत के निपटारे के लिए जिला प्रशासन ने 15 अक्टूबर और 25 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से अधिकारियों को निर्देश दिए। 6 नवंबर और 18 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने ईमेल के माध्यम से भी रिमाइंडर भेजा। स्थानीय प्रशासन के व्हाट्सएप ग्रुप पर 10 अक्टूबर से 13 बार इस मुद्दे पर ध्यान दिलाया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

लिपिक पर भी हुई कार्रवाई

इस प्रकरण में प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी सिविल सर्जन कार्यालय की थी। लापरवाही के लिए सहायक ग्रेड-2 लिपिक अमित मसीह पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। हालांकि, जिला स्तर की जांच में यह भी सामने आया कि दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने पदों के दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया।

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CMHO और सिविल सर्जन की जिम्मेदारी

इस घटना के बाद सीएमएचओ का प्रभार जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार शिंदे को सौंपा गया है, जबकि सिविल सर्जन का प्रभार डॉ. मुकुंद बर्मन संभालेंगे। इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग में चर्चाएं तेज हो गई हैं। धार सीएमएचओ का पद संभालने की इच्छा रखने वाले आसपास के जिलों के अधिकारी भोपाल और उज्जैन के चक्कर लगा रहे हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह पद पाने की होड़ में कई अधिकारी पहले ही अपने संपर्कों को सक्रिय कर चुके हैं।


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