मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कल अमझेरा के प्रसिद्ध अमका-झमका मंदिर परिसर में आयोजित श्रीकृष्ण पर्व में शामिल होने आ रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और साथ ही एक महत्वपूर्ण घोषणा भी करेंगे, जिससे इस पवित्र तीर्थ स्थल को एक नई दिशा मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री यादव का हेलीकॉप्टर शनिवार दोपहर लगभग 2:30 बजे हेलीपैड पर उतरेगा। इसके बाद वे सीधे अमका-झमका मंदिर पहुंचेंगे, जहां दर्शन और पूजन का कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री यहां करीब डेढ़ घंटे तक रुकेंगे और इस दौरान प्रस्तावित योजनाओं की घोषणा करेंगे, जो इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
दो दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन
अमझेरा में श्रीकृष्ण पर्व के अवसर पर मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 25 और 26 अगस्त को होगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पहले दिन, 25 अगस्त को दोपहर 1 बजे से प्रसिद्ध लोकगायक आनंदीलाल भावेल और उनकी टीम द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति होगी। इसके बाद जबलपुर की लक्ष्मी दुबे और उनके साथियों द्वारा भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं, दूसरे दिन 26 अगस्त को शाम 7 बजे वृंदावन की जय सक्सेना द्वारा रासलीला का आयोजन होगा, जो श्रीकृष्ण की लीलाओं को दर्शाएगा।
प्रमुख अतिथि और धार्मिक महत्व
इस आयोजन में प्रमुख अतिथि के रूप में संत श्री कमल किशोर नागर जी को आमंत्रित किया गया है। वे 25 अगस्त को अमका झमका रुक्मणी मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ करेंगे। संत श्री नागर का आगमन दोपहर 12 बजे होगा, जिससे आयोजन की गरिमा और बढ़ जाएगी।
सुरक्षा और तैयारियाँ
मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अमझेरा थाना परिसर के मैदान में आमसभा का आयोजन किया जाएगा, जहां सीएम यादव जनता को संबोधित करेंगे। बारिश की संभावनाओं को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर डोम तैयार किया जा रहा है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से 600 पुलिस जवानों की तैनाती की गई है, जिसमें झाबुआ और अलीराजपुर जिलों की पुलिस भी शामिल है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अमका-झमका मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी उल्लेखनीय है। यह स्थल श्रीकृष्ण और रुक्मणी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, यहीं से माता रुक्मणी ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ भागने का निर्णय लिया था, जिससे इस स्थल को श्रीकृष्ण रुक्मणी हरण स्थल के नाम से प्रसिद्धि मिली।
अमझेरा का यह पवित्र स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए हुए है। मुख्यमंत्री यादव का आगमन और उनकी घोषणाएँ इस धरोहर को और भी समृद्ध करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।