– मुख्यमंत्री चौहान ने प्रभारी मंत्रियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंस।
धार। शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के संदर्भ में कहा है कि कोरोना के विरूद्ध यह युद्ध है और मैदान में उतरने के अलावा हमारे सामने कोई और रास्ता शेष नहीं है। हम सब मिलकर इस चुनौती का सामना करें।
स्वयं पर संयम और सकारात्मक रहते हुए लगातार अपने प्रयासों में जुटे रहें। हमारी विजय निश्चित है। मुख्यमंत्री चौहान कोरोना संक्रमण नियंत्रण के संबंध में निवास से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रभारी मंत्रियों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी मंत्रालय से सम्मिलित हुए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कोरोना की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जन-जन का सहयोग लेने के साथ सेना का सहयोग भी लिया जा रहा है। आज सेना के अधिकारियों ने सेना के अस्पतालों को उपलब्ध कराने और मरीजों के आवागमन के लिए वाहनों का सहयोग देने पर सहमति दी।
जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट स्थित वीसी कक्ष में प्रदेश के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह तथा पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह मौजूद थे।
30 अप्रैल तक सीमित रखें गतिविधियां –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 30 अप्रैल तक एक लाख लोगों में संक्रमण फैलने का अनुमान था, पर एक लाख की संख्या प्रदेश में अभी ही हो रही है। हमारा स्वास्थ्य अमला, पुलिस प्रशासन के लोग, अन्य फ्रंटलाइन वर्कर संक्रमित हो रहे हैं। अत: स्वयं को और प्रदेश को बचाने के लिए कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना आवश्यक है। इसके लिए प्रदेश की जनता को यह फैसला लेना होगा कि 30 अप्रैल तक हम अपने घर, गाँव, मोहल्ले, कॉलोनी से बाहर नहीं निकलेंगे। स्वयं पर यह नियंत्रण लगाकर और प्रण करके हम कोरोना के विरूद्ध युद्ध में अपना सहयोग दे सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने जिलों के प्रभारी मंत्रियों को कहा कि वे अपने-अपने जिलों में जन-सामान्य को इस संबंध में जागरूक और प्रेरित करें।
कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के सहयोग से ही संभव
सीएम श्री चौहान ने स्वयंसेवी संगठनों और चिकित्सकों का आभार माना
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने कहा है कि #COVID19 संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है।RM: https://t.co/I6J5BImvJW#MPFightsCorona pic.twitter.com/wjCQZjJljx
— Jansampark MP (@JansamparkMP) April 20, 2021
होम आइसोलेशन के लिए जागरूक और प्रेरित करना आवश्यक –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन व्यापक स्तर पर टेस्ट की व्यवस्था कर रहा है। टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में आए यह सुनिश्चित किया जा रहा है। टेस्ट का सैम्पल देने के बाद स्वयं को आइसोलेट करना और परिवार के सदस्यों से भी नहीं मिलना आवश्यक है। टेस्ट की रिपोर्ट यदि पॉजिटिव आती है तो स्वयं को होम आइसोलेशन में रखना बेहतर है। होम आइसोलेशन में रहते हुए डॉक्टर की निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। प्रभावित व्यक्तियों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने और टेलीमेडिसिन के द्वारा डॉक्टरों के सम्पर्क में रहने की व्यवस्था है। जिन व्यक्तियों के घर छोटे हैं और आइसोलेशन की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, उनके लिए कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था की गई है। सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर संचालित हो रहे हैं।
पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था करें कलेक्टर –
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रभारी मंत्रियों को होम आइसोलेशन व्यवस्था को प्रोत्साहित करने और कमाण्ड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से स्वयं भी मरीजों के टेलीफोनिक सम्पर्क में बने रहने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन व्यवस्था से अस्पतालों पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। जिलों में कोविड केयर सेंटर तथा अन्य व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था करने के लिए कलेक्टरों को आवश्यक आवंटन उपलब्ध कराया गया है। इसमें किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी जाए।
ऑक्सीजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऑक्सीजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती है। भारत सरकार के सहयोग से राज्य को पर्याप्त ऑक्सीजन आवंटित हुई है। विभिन्न राज्यों से समन्वय और विशेष व्यवस्था कर ऑक्सीजन के टैंकर लाए जा रहे हैं। टैंकरों के आवागमन में विभिन्न राज्यों से आवश्यक समन्वय के लिए सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया को दायित्व सौंपा गया है। आगामी 30 अप्रैल तक 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 105 टैंकरों की आवश्यकता होगी, जिनमें से 53 टैंकरों की व्यवस्था हो गई है। शेष के लिए प्रयास जारी हैं। प्रदेश में अगले तीन सप्ताह से तीन महीने में ऑक्सीजन के 37 प्लांट स्थापित कर दिए जाएंगे। सारणी और खंडवा के ताप विद्युत गृहों से 200 सिलेंडर प्रतिमाह ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। ऑक्सीजन के लिए जिला स्तर पर कंसंट्रेटर की व्यवस्था भी की जा रही है। इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके विरूद्ध रासुका के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
पुन: आरंभ होगा काढ़ा वितरण –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे शहरों में दो-दो हजार बिस्तरों और बाकी बड़े शहरों में एक-एक हजार बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। प्रभारी मंत्री, कोरोना वॉलेंटियर्स और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा वितरण का कार्य पुन: आरंभ किया जाएगा। इसके साथ ही जन-जन को प्राणायाम और योग के लिए प्रेरित किया जाए। इसमें नवीनतम तकनीक का सहयोग भी लेना होगा।
रेलवे भी कर रहा है बिस्तरों की व्यवस्था –
वीडियो कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 407 निजी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता और फीस आदि संबंधित पैकेज की जानकारी अस्पताल में प्रदर्शित की जा रही है। यह जानकारी सार्थक एप पर भी उपलब्ध है। बैठक में जानकारी दी गई कि पश्चिमी रेलवे 50 बोगियों में आईसीयू बेड बनाकर उपलब्ध करा रही है, जो बड़े स्टेशनों पर रखे जाएंगे।
कुंभ से आने वालों को आइसोलेट करें –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हरिद्वार कुंभ से आने वाले लोगों और विभिन्न प्रदेशों से आ रहे श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों को ग्रामों में आयसोलेट करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इन व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टरों को तीन-तीन करोड़ रूपए उपलब्ध कराए गए हैं।
झूठी अफवाहों का तत्काल खंडन आवश्यक –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहाकि संक्रमण रोकने केलिए छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खण्डवा जिलों द्वारा किए गए नवाचार प्रभावी रहे हैं। अन्य जिले भी अपने स्तर पर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार पहल करें। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री कोरोना संक्रमण से बचाव की पूरी सावधानी बरतते हुए जनता से निरंतर सम्पर्क में और संवाद में रहें। इससे जन-सामान्य का विश्वास बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रबंधन को लेकर आ रही झूठी अफवाहों का तत्काल खंडन करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि गूगल मीट के माध्यम से मरीजों, उनके परिजनों और अधिकारियों के बीच बातचीत की व्यवस्था की गई है। इससे परस्पर विश्वास बनाए रखने में सहायता मिलेगी।