स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण-2023 में नंबर एक की कसौटी में रोड़ा बन रही शहर की सफाई व्यवस्था


300 से अधिक सफाईकर्मियों के बाद भी गली-मोहल्‍लों में फैला कचरा, कहीं ड्रैनेज का गंदा पानी सड़क पर तो कहीं कचरे का है फैलाव, 9500 अंक का होना है सर्वे।


आशीष यादव
धार Published On :
dhar cleanness survey 2023

धार। प्रदेश में स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण के तहत होने वाले सर्वे की प्रक्रिया जारी है। इस बीच धार नगरपालिका अपनी गंवा चुकी नंबर एक की कुर्सी को पाने के लिए फिर से कवायद कर रही है, लेकिन इसमें सबसे बड़ा रोड़ा शहर की सफाई व्‍यवस्‍था है।

शहर में जगह-जगह कचरे का फैलाव देखने को मिल रहा है। कहीं गंदा पानी सड़कों पर फैला हुआ है तो कहीं पर कचरा और गदंगी पसरी हुई है। ऐसे हालातों में इस बार के सर्वेक्षण में भी नपा को नंबर-1 की रैंक पाना आसान नजर नहीं आ रहा।

हाल ही में कर्मचारी और सीएमओ के आमने-सामने होने के बाद सफाई व्‍यवस्‍था और बिगड़ी है। इस कारण आने वाले दिनों में जो सर्वे होना है, उसके पहले की जाने वाली तैयारियां शहर में काफी कमजोर देखने को मिल रही है।

गौरतलब है कि मार्च माह में स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण-2023 के तहत सर्वे होना है। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। ओडीएफ प्‍लस प्‍लस और थ्री स्‍टार रेटिंग के लिए नगरपालिका धार की तरफ से इस बार भी दावेदारी की गई है और इसके लिए प्रक्रिया जारी है।

वहीं ट्रेंचिंग ग्राउंड और डोर टू डोर कचरा कलेक्‍शन को लेकर भी प्रक्रिया की जा रही है। सबसे बड़ी चुनौती शहर की सफाई व्‍यवस्‍था को सुधारने की है।

इसका जिम्‍मा नगर पालिका के 300 सफाई कर्मचारियों के हाथ में है, लेकिन इसके बाद भी हालात सुधारने की बजाय और बिगड़े हैं। लगातार बैठकों के बाद भी जमीनी स्‍तर पर बदलाव नजर नहीं आया है।

पहले से छठे नंबर पर आया था धार –

गत वर्ष हुए सर्वेक्षण के परिणाम में धार नगरपालिका को प्रदेश की 1 लाख आबादी वाली निकायों में छठा स्‍थान मिला था जबकि इसके पहले हुए सर्वेक्षण में धार नगरपालिका की रैंक प्रदेश में नंबर-1 थी।

सर्वेक्षण में पिछड़ने के कारण धार को अपनी रैंक गंवाना पड़ी थी, इस बार की तैयारियां भी नंबर वन के स्‍तर के लिहाज से काफी कमजोर नजर आ रही है जबकि सर्वेक्षण मार्च में प्रस्‍तावित है।

9500 अंकों का होना है सर्वे –

स्वच्छ सर्वेक्षण की परीक्षा वर्ष-2022 में 7500 अंक की हुई थी जबकि वर्ष 2023 में बढ़ाकर 9500 अंक कर दिए यानी पॉलिथीन प्रतिबंध से लेकर कचरे के निपटारे सहित सभी पैरामीटर पर काम करना है।

नई गाइडलाइन में 3 श्रेणी सेवा स्तर प्रगति, प्रमाणीकरण और सिटीजन वॉइस के अंकों को मिलाकर 9500 अंक हैं। इसमें भी कार्यों का विभाजन किया है और हर कार्य के लिए अलग-अलग अंक तय हैं।

एक श्रेणी में जो अंक तय हैं, उसी में से मूल्यांकन होगा और फिर सभी श्रेणियों के प्राप्त अंक जोड़कर रिजल्ट बनेगा। थीम के अनुरूप ही इस बार 48 प्रतिशत यानी 4525 नंबर अकेले सर्विस लेवल प्रोग्राम यानी कूड़े को लेकर सेग्रीगेशन, प्रोसिसिंग व डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे।

सफाई के बावजूद भी शहर में गंदगी –

लाखो रुपये का वेतन देने के बाद शहर में साफ सफाई सही से नहीं हो रही है। जमीनी स्तर पर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं।

शहर की हर कॉलोनियों, मोहल्लों व गलियों में कचरा और नालियों की साफ-सफाई समय पर नहीं हो रही है। पॉश कॉलोनियों की भी स्थिति खराब है। कॉलोनियों की नालियों के साथ जगह-जगह कूड़ा फैला हुआ है।

इन क्षेत्रों में काम की जरूरत –

  1. मुख्य मार्गों सहित गली-मोहल्लों में सफाई की जरूरत।
  2. संसाधनों का उपयोग नहीं होने हो रहे खराब।
  3. गीला और सूखे कचरे को अलग-अलग करने की व्‍यवस्‍था नहीं।
  4. घर से खुले में कचरा फेंका जा रहा है।
  5. प्लास्टिक वेस्ट का निपटान करने की व्‍वयस्‍था नहीं।
  6. सार्वजनिक शौचालयों में साफ-सफाई का प्रबंध नहीं।
  7. घर से निकलने वाले गीले कचरे की घर पर ही कंपोस्टिंग मटका खाद के रूप में करने की व्‍यवस्‍था पर काम नहीं हो रहा। इससे कचरे की मात्रा में कमी आएगी, सर्वेक्षण में अंक बढ़ेंगे।
  8. यलो स्पॉट जहां लोग खुले में टॉयलेट जाते हैं तथा रेड स्पॉट जहां लोग पान-तंबाकू आदि थूकते हैं उनको चिह्नित करने के लिए करना होगी कवायद।
  9. कबाड़ से जुगाड़ यानी रिड्यूज, रीसाइकिल और रीयूज थ्री-आर को चरितार्थ करती गतिविधियां ज्यादा से ज्यादा हों ताकि लोग इनका महत्व समझें और थ्री-आर का उपयोग बढ़े।

 

जिम्मेदार कर्मचारियों पर की जाएगी कार्रवाई –

स्वछता को लेकर तैयारियां चल रही है। जो कर्मचारी सही से कार्य नहीं कर रहे उनपर कार्रवाई की जाएगी – निशिकांत शुक्‍ला, सीएमओ, धार नगरपालिका


Related





Exit mobile version