धार। जैसे-जैसे फरवरी महीना बीत रहा है वैसे-वैसे ठंड भी रुखस्ती की ओर है और गर्मी दस्तक दे रही है जिससे लोगों के साथ-साथ फसलों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। गर्मी से गेहूं की फसल पर भी प्रभाव देखने को मिल सकता है।
अभी पकने वाले गेहूं की फसलों का दाना प्रभावित हो सकता है। हर दिन गर्मी के तेवर और भी तल्ख होते जा रहे हैं। सोमवार को सुबह से ही तेज धूप के चलते लोग परेशान नजर आए। वहीं दोपहर होने तक अधिकतम तापमान बढ़कर 36.3 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा।
फरवरी महीना बीतते-बीतते ही ठंड ने अपना असर दिखाना कम कर दिया है और गर्मी का अहसास लोगों को होने लगा है।
इसके साथ ही फसलों का भी पकना शुरू हो गया है। जिले में अलग-अलग क्षेत्रो में गेहूं व अन्य फसलों की कटाई का काम शुरू हो गया है।
मार्च में जिले भर में गेहूं कटाई का काम पूर्ण हो जाएगा। अचानक तीन-चार दिनों से रात के पारे मे उतार-चढ़ाव हुआ है जिसके कारण सुबह और शाम हल्की ठंड का अहसास होना बंद हो गया।
बीते 24 घंटे में दिन और रात के पारे में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जिसके कारण अब ठंड का असर खत्म होने लगा है। वहीं दिन में तेज धूप पड़ रही है। एक दिन पहले दिन का पारा 36.3था, जबकि रात का पारा 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था।
एक बार फिर से पारे में उछाल आने के बाद अब दिन का पारा 35 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है तो वह रात का पारा भी 14 डिग्री सेल्सियस के करीब जा पहुंचा है, साथ ही उत्तर पश्चिम हवाओं का दौर जारी है। इस समय 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
फसलें पककर तैयार –
इस समय क्षेत्र में किसानों की फसलें पककर तैयार हैं। हालांकि पिछले दिनों मौसम में आए बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी, लेकिन अब मौसम ने फिर से करवट ली और तीखी धूप के साथ आसमान साफ हो गया। इससे किसानों को राहत मिली है।
किसानों का कहना है कि यदि अब मौसम बिगड़ता है तो गेहूं को सबसे अधिक नुकसान होगा। हालांकि मौसम साफ होते ही किसानों ने राहत की सांस ली है। फिर तेज धूप को देखते हुए, लगता है कि जल्दी ही पूरे क्षेत्र में कटाई का काम एक साथ शुरू हो सकेगा।
गेहूं काट रहे किसान –
अधिकांश क्षेत्र में गेहूं की फसल कटाई का दौर चल रहा है। इस बार क्षेत्र के कुल 3 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई है। इसके साथ ही 70 हजार हेक्टेयर में किसानों ने चने की फसल भी लगाई है।
किसानों का कहना है कि इस बार उत्पादन अच्छा मिलने का अनुमान है। जहा गेहूं की कटाई शुरू हो गई है वहां 13 से 24 क्विंटल प्रति बीघा के हिसाब से उत्पादन हो रहा है। किसान बता रहे हैं पानी वाले गेहूं उत्पादन ठीक दे रहे हैं वही कुछ क्षेत्रों में चना का उत्पादन भी अच्छा रहा है।
लेट वैरायटी में उत्पादन पर असर –
बता दें कि हर दिन मौसम में हो रहे परिवर्तन से लेट वैरायटी के गेहूं में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि गर्मी से गेहूं का दाना छोटा रहने की आसंका दिख रही है। मौसम का गरम होता मिजाज गेहूं की सेहत पर भारी पड़ सकता है।
पिछले एक सप्ताह से सामान्य से अधिक तापमान से कृषि विज्ञानियों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। दिसंबर से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह की अवधि में बोई गई फसल की उत्पादकता प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई है।
खास बात यह है कि मौसम का यह रुख पिछले वर्ष के मुकाबले से भी खराब है क्योंकि जैसे फसलों के अनुकूल ठंड की आवश्यकता थी वैसी ठंड इस साल नहीं रही।
बदलते मौसम से बढ़ी बीमारियां –
मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण बच्चों में भी बीमारियों का असर देखने को मिल रहा है। डॉक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि मौसम परिवर्तन के कारण अभी बच्चों को सर्दी-खांसी, बुखार जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, डॉक्टर सुमित सिसोदिया ने बताया कि अभी मौसम परिवर्तन से आम लोगों में मौसमी बीमारियों, वायरल का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में सर्दी-खांसी, जुकाम के साथ गले में खराश और सीने में दर्द के मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं।
ऐसे में इस तरह के मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखें, जिससे आप डॉक्टर के पास जाने से बच सकें। इस समय पानी पीते रहें, जूस पीना भी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
उत्पादन बेहतर होने की संभावना –
इस बार शुरू से अंतिम दौर तक मौसम फसलों के अनुकूल रहने से सभी फसलों का उत्पादन बेहतर होने की संभावना है। – आनंद सत्यार्थी, एसएडीओ, कृषि अधिकारी, धार
इस बार उत्पादन अच्छा –
जिले में कुछ क्षेत्रों में गेहूं की कटाई का कार्य शुरू हो चुका है। गेहूं का उत्पादन इस बार अच्छा आने की उम्मीद है। – ज्ञान सिंह मोहनिया, उपसंचालक कृषि, धार