ग्रामीण इलाकों की स्थिति में सुधार के लिए केंद्र सरकार धरातल सहकार से समृद्धि के लिए केंद्र मंत्रालय द्वारा योजना लाई है। इसके तहत अब सहकारिता विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में 45 तरह की सेवाएं देगा।
वहीं राशन वितरण से लेकर किसानों को खाद-बीज बेचने वाली पैक्स सहकारी समितियां (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) अब फार्मा कारोबार में भी उतरेगी। दवा के नाम पर बढ़ती लूटमार के बीच ये समितियां लोगों को सस्ते दामों में जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराएंगी। इसके लिए जिले की 12 से अधिक समितियों का चयन भी हो चुका है।
अगस्त माह के अंत तक इन समितियों के माध्यम से कारोबार शुरू कर दिया जाएगा ताकि सालों से घाटे में चल रही सहकारी समितियों की आमदनी बढ़े और आर्थिक स्थिति मजबूत हो। इसके लिए केंद्र सरकार ने सहकार से समृद्धि विजन का खाका तैयार किया है।
प्रथम चरण में खोले जा रहे जन औषधि केंद्रों का संचालन होना है, इसके लिए जिले में फिलहाल पांच दुकानें मिली है। इसके लिए सहकारिता विभाग ने 12 पैक्स समितियों को चुना है बकायदा समिति के कर्मचारियों ने पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है।
कागजी प्रक्रिया निपटते ही अब इस माह से इन समितियों को मेडिकल दुकानें खोलने की अनुमति मिल जाएगी। योजना के मुताबिक अगस्त से ही मेडिकल खोलकर दवाई बेचने का काम शुरू करा दिया जाएगा।
ज्ञात रहे लाख कोशिशों के बावजूद सहकारी समितियां आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो सकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब केंद्र सरकार ने कृषि के अलावा अन्य कारोबार भी पैक्स समितियों के माध्यम से संचालित कराने का निर्णय लिया है। वहीं कई समितियों ने एलपीजी व पंप के लिए भी आवेदन कर दिया है, जल्द ही पंप व एलपीजी भी समितियों के माध्यम से लोगों को मिलेंगे।
जिले की पांच पैक्स समितियों का चयन
महाप्रबंधक पीएस धनवाल ने बताया कि जन औषधि केंद्रो की शुरुआत हो गई है, जिले में समितियों का चयन भी हो गया है, जिसमें औषधि केंद्र प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित तिरला, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित सिधाना, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित गुजरी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति गर्यादिव दिगठान, और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित धामनोद के प्रस्ताव को जन औषधि केंद्र संचालन के लिए चयनित किया है।
ये चुनौती भी रहेगी
संस्था के संचालक और कर्मचारी फिलहाल इतने अपडेट नहीं हुए है कि मेडिकल का कारोबार कर सके। ऐसे मे दवाई बेचने के लिए संस्थाओं को अब फॉर्मेसी से जुड़े एक नए कर्मचारी की जरूरत पड़ेगी। इससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा। ऐसे में यदि मेडिकल दुकान का कारोबार कम चला तो सबंधित कर्मचारी को संस्था व अन्य बजट से वेतन आदि का खर्च उठाना पड़ेगा।
पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी भी देंगे
मेडिकल दुकान खुलवाने के बाद पैक्स समितियों के माध्यम से ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल और गैस एजेंसी संचालित कराने की कवायद शुरू कर दी है।
इसे लेकर भी कागजी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसा होने के बाद समितियां पूरी तरह से व्यापारिक हो जाएंगी। वहीं कई सोसायटियां एलपीजी पम्प पेट्रोल डीलर के लिए भी आवेदन कर चुकी है।
आमजन को यह फायदा
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित के नाम से पहचानी जाने वाली इन पैक्स समितियों को व्यापार से जोड़ने के लिए शुरू हुई कवायद का आमजन को भी फायदा होगा।
लोगों को कंपनियों की महंगी दवाइयों के बीच जेनेरिक की सस्ती दवाई एजेंसी से जुड़े कारोबार शुरू करने का विकल्प भी आसानी से मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से पैक्स समितियों द्वारा चलाए जाने वाले मेडिकलों के माध्यम से जेनेरिक दवाई बेची जाएगी। इससे जेनेरिक दवाइयों को भी बढ़ावा मिलेगा।
सहकार समृद्धि में 45 बिंदु है
केंद्र सरकार द्वारा लोगों को रोजगार दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय की प्रमुख पहले जो जुलाई 2021 से शुरू हुई है जिसमें लोगों को सशक्त बनाने के लिए सदस्यों के माध्यम से कारोबार अन्य व्यापार करने के लिए प्रेरित करने का काम कर रही है। जिसमें ग्राम पंचायत से लगाकर मछली पालन, डेयरी फार्म, खाद्य सुरक्षा ,भंडारण योजना एलपीजी, ग्रामीणों में जन औषधि केंद्र , ई सेवा उर्वरक वितरण जैविक खेती के लिए प्रमाणित बीज के लिए वह जेम पोर्टल से विक्रता विक्रेता के पंजीयन होने पर अनुमति प्रदान करना किसानों को ड्रोन से खेती के लिए प्रेरित करने जैसी कई अन्य योजनाओं सरकार का के माध्यम से जमीनी स्तर पर लाई जा रही है।
समिति को लेकर चल रहा है काम…
पैक्स सस्थाओ को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सहकार से समृद्धि विजन शुरू किया है। इसके तहत आने वाले दिनों में समितियों को फॉर्मेसी सहित पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी से जुड़े कारोबार शुरू करने का मौका दिया जाएगा। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी व मजूरी मिल गई है। वहाँ अन्य समितियों को लेकर भी काम तेजी से चल रहा है। आवेदन प्राप्त हो रहे है वही एलपीजी व पंप को लेकर भी आवेदन कर दिए है।
वर्षा श्रीवास, उपायुक्त सहकारिता विभाग, धार