धार। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद जारी हिंसा के विरोध में जनजाति विकास मंच (धार) द्वारा जिले के प्रबुद्ध नागरिकों और विभिन्न समाज के प्रमुखों से हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कलेक्टर आलोक कुमार सिंह को शनिवार सुबह 11 बजे सौंपा गया। मांडू श्रीराम मंदिर के महंत नृसिंह दास जी महाराज के सानिध्य में ज्ञापन दिया गया।
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में मुख्य रूप से मांग की गई कि पश्चिम बंगाल में हिंसा से पीड़ित लोगों की पहचान कर उन्हें यथोचित मुआवजा, सहायता और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
चुनाव के बाद राजनीतिक संरक्षण के कारण हुई संपूर्ण हिंसा की जांच केंद्रीय एजेंसी अथवा उच्च न्यायिक अधिकारी के माध्यम से करवाई जाए और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन का वाचन समाजसेवी चंद्रभूषण महाजन ने किया। उन्होंने बताया कि 2 मई 2021 को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के समर्थक कार्यकर्ता और नेताओं ने पूरे राज्य में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, तोड़फोड़ व दुष्कर्म जैसे घिनौने और जघन्य अपराध किए हैं।
तृणमूल कांग्रेस की इस अराजक, अमानवीय और घिनौनी हरकतों को तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व, सरकार और प्रशासन ने संरक्षण प्रदान किया है। पुरूषों के सामने ही उनके घरों की महिलाओं को उठाकर ले गए और दुष्कर्म किया गया है।
उन्हें जिंदा रहने के लिए चेतावनी दी गई है कि हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाना पड़ेगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। कई घरों में घुसकर महिलाओं के सामने ही उसे उठाकर ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
– चुनाव परिणाम के बाद 3500 गांव में करीब 10000 हिंदुओं के घरों में हमला कर हिंसा की गई है।
– करीब 4500 कार्यकर्ताओं और 40000 हिंदुओं को निशाना बनाया गया है।
– करीब 4500 घरों एवं दुकानों को लूटा गया है।
– हिंदुओं से संबंधित 11 कार्यालयों में आगजनी करके उन्हें नष्ट किया गया है।
– नंदीग्राम में ममता बनर्जी के चुनाव हारने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गुंडागर्दी करते हुए तृणमूल कांग्रेस का विरोध करने वाले निर्दोष कार्यकर्ताओं के करीब 42 घरों पर बुलडोजर चलवा कर पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
-11 हजार से अधिक हिंदुओं ने बंगाल को छोड़कर पड़ोस के राज्य में शरण ली है।
– विधानसभा चुनाव के बाद पूरे राज्य में करीब 40000 हिंदुओं को निशाना बनाया।
– यहां तक कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग व राष्ट्रीय बाल आयोग अपने दल निरीक्षण के लिए भेजे गए। किंतु वहां की सरकार और प्रशासन ने इन आयोगों के दलों को कोई सहयोग नहीं किया। उचित निरीक्षण और पर्यवेक्षण ही नहीं करने दिया।
ज्ञापन में यह हैं मांगें –
– महामहिम राष्ट्रपति से निवेदन करते हैं कि पश्चिम बंगाल के मामले में उचित कार्रवाई की जाए। राज्य में कानून का अधिकार हो और संविधान की मूल भावना के अनुसार लोगों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी जान-माल की सुरक्षा की जाए। देश की अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने वाले तत्वों की पहचान कर उन्हें दोषी ठहराते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई कर दंडित किया जाए।
इस अवसर पर समाज के प्रबुद्ध वर्ग से डॉक्टर दिनेश शर्मा, डॉक्टर ईश्वर सोलंकी, रेखा राठौड़, मुकेश अग्रवाल, चंद्रभूषण महाजन, अरविंद चौधरी, विष्णु शास्त्री सहित अन्य लोग उपस्थित थे। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए विभिन्न वर्ग के प्रतिनिधियों ने ही यह ज्ञापन दिया।