धार। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. निरज बागड़े की सेवाएं समाप्त करने के लिए सिविल सर्जन डॉ. एमएल मालवीय ने कलेक्टर द्वारा शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।
साथ ही सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी ने आशा कार्यकर्ता भूरी बाई को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है। यह आदेश रिश्वत कांड के मामले में जांच के बाद दिया है।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल में रविवार को दोपहर में ट्रॉमा सेंटर में महिला के बच्चादानी का ऑपरेशन करवाने के नाम पर परिजनों से रिश्वत लेने का मामला सामने आया था।
महिला का ऑपरेशन किए बगैर उसे डिस्चार्ज करने और 10 हजार रुपये लेने का आरोप परिजनों ने लगाया था। आशा कार्यकर्ता भूरी बाई के जरिये डॉक्टर बागड़े ने रुपए लेने की बात कही गई थी।
इस पर सिविल सर्जन डॉ. एमएल मालवीय ने दल गठित कर जांच करवाने की बात कही थी। साथ ही प्रारंभिक तौर पर आशा कार्यकर्ता भूरी बाई द्वारा रिश्वत लेने की बात की पुष्टि की थी।
जांच करवाने के बाद प्रतिवेदन के आधार पर सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने आशा कार्यकर्ता भूरी बाई को निलंबित कर दिया है जबकि सिविल सर्जन डॉ. मालवीय ने डॉक्टर बागड़े की भी सेवाएं समाप्त करने के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा है। जिला प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
यह है मामला –
शहर के अर्जुन कॉलोनी की रहने वाली पिंकी नामक महिला को परिजनों ने जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में भर्ती करवाया था। महिला का बच्चादानी का ऑपरेशन होना था।
महिला के परिजनों का आरोप था कि ऑपरेशन न करते हुए आशा कार्यकर्ता ने दस हजार रुपये लिए, लेकिन इसके बाद भी ऑपरेशन नहीं कर किया।ऑपरेशन नहीं करने के साथ-साथ ही रविवार को महिला मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया तो परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा।