बिरसा मुंडा जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में धार जिले में बड़े पैमाने पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस अवसर पर जिला मुख्यालय के पीजी कॉलेज मैदान में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पंडालों और सांस्कृतिक प्रदर्शनी के माध्यम से जनजातीय जीवन को प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजन को ध्यान में रखते हुए पीजी कॉलेज मैदान पर लगभग दो लाख वर्ग फीट में तीन बड़े डोम बनाए गए हैं, जहां करीब 50,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल समारोह स्थल पर बैलगाड़ी में सवार होकर पहुंचेंगे, जिससे आदिवासी संस्कृति को दर्शाया जाएगा।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां
कार्यक्रम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस और प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। 500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें पांच डीएसपी, 20 टीआई और कई सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं। एसडीएम रोशनी पाटीदार ने बताया कि कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के मार्गदर्शन में सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। आम जनता के बैठने की व्यवस्था सेक्टर वाइस की गई है और बैरिकेडिंग का कार्य अंतिम चरण में है।
सांस्कृतिक प्रदर्शनी और जनजातीय जीवन की झलक
कार्यक्रम स्थल पर जनजातीय जीवनशैली को प्रदर्शित करने के लिए झोपड़ी नुमा मकान और गांव की झलक तैयार की गई है। आदिवासी वेशभूषा, उनकी दिनचर्या और कला को दर्शाने वाली गैलरियाँ लगाई गई हैं। मंच पर जनजातीय कला केंद्र पर आधारित पेंटिंग्स भी प्रदर्शित की जाएंगी।
डाक टिकट प्रदर्शनी: जनजातीय कला और संस्कृति
इस अवसर पर एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जिसमें डाक टिकटों के माध्यम से जनजातीय कला जैसे वारली पेंटिंग, गोंड कला, पिथोरा और संथाल जैसी लोक कलाओं को दर्शाया जाएगा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोपहर एक बजे प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे।
जिले के 802 गाँवों का चयन और विकास योजनाएँ
धार जिले में 15 से 26 नवंबर तक जनजातीय गौरव दिवस के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 802 गांवों का चयन किया गया है, जहां विशेष ग्राम सभाओं और सामाजिक सुधार कार्यक्रमों का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाई जाएंगी।
आखिरी चरण में व्यवस्थाएँ
आयोजन की व्यवस्थाओं का अवलोकन करने के बाद कमिश्नर दीपक सिंह और डीआईजी निमिष अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम की सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय पर सभी व्यवस्थाएँ पूरी करें। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा लगातार आयोजन की निगरानी कर रहे हैं। इस आयोजन से आदिवासी समुदाय के नायकों को सम्मानित करने और उनकी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से सरकार ने आदिवासी समाज के लिए विकास की नई पहल की है।