बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन, धार में हुआ भव्य समारोह


भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर धार में भव्य जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन। 334 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण, सिकल सेल बीमारी उन्मूलन पर जोर। आदिवासी नृत्य और भीली भाषा में रामायण का अनुवाद प्रमुख आकर्षण।


आशीष यादव
धार Updated On :

आदिवासी अस्मिता के नायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर धार में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि थे।

कार्यक्रम में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भगवान बिरसा को जनजातीय अस्मिता, स्वायत्तता और संस्कृति का प्रतीक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत हुई।

 

जनजातीय गौरव दिवस…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने भाषण में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया, लेकिन अपने धर्म को नहीं छोड़ा। उन्होंने कांग्रेस पर आदिवासी समाज का वोट के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार के आने के बाद हालात बदले हैं।

334 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने धार जिले के लिए 334 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 217.66 करोड़ रुपये के 33 कार्यों का लोकार्पण और 116.70 करोड़ रुपये के 24 कार्यों का भूमि पूजन शामिल है।

 

सिकल सेल बीमारी उन्मूलन पर जोर

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सिकल सेल बीमारी के उन्मूलन पर विशेष ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक इस बीमारी से देश को मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने युवाओं को विवाह के समय सिकल सेल की जांच कराने और प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी।

मुख्य आकर्षण: भीली भाषा में अनुवादित रामायण की प्रस्तुति

समारोह में अतिथियों को जनजातीय प्रतीकों के रूप में तीर-कमान भेंट किए गए। साथ ही, भीली भाषा में अनुवादित रामायण की एक प्रति भी भेंट की गई, जो जनजातीय संस्कृति और साहित्य को संरक्षित करने की दिशा में एक अनूठा कदम है।

 

आदिवासी नृत्यों और प्रदर्शनी की धूम

कार्यक्रम के दौरान आदिवासी नृत्य प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, वन और आजीविका मिशन जैसी योजनाओं की जानकारी दी गई।

 

‘बात करेंगे तो काटेंगे’ विवाद पर टिप्पणी

इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने 16 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 बार उल्लेख किया और कांग्रेस पर आक्रामक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को धर्मांतरण के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने पेसा कानून और आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

सभा के बीच उठने लगे लोग

हालांकि, कार्यक्रम के दौरान भीड़ धीरे-धीरे सभा छोड़कर जाने लगी। प्रशासन और पुलिस ने लोगों को रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद लोगों ने दोबारा अपनी जगह ली। धार के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा और एसपी मनोज कुमार सिंह ने इस आयोजन की तैयारियों का विशेष ध्यान रखा।

 

आने वाले विकास के कदम

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जा रहा है। साथ ही, सिकल सेल बीमारी के उन्मूलन, एयर एंबुलेंस सेवाओं की शुरुआत, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, जनजातीय कल्याण मंत्री विजय शाह, विधायक नीना वर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 

 


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