धार जिले के किसानों के लिए एक अहम घोषणा की गई है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा केसीसी ऋण की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और उनके कृषि कार्यों में सहूलियत होगी।
धार स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की 99वीं वार्षिक साधारण सभा में बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.के. रायकवार ने बताया कि बैंक ने 31 मार्च 2024 को 1.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। साथ ही, बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 5.55 प्रतिशत हो गया है, जो कि बैंक की प्रगति का संकेत है। इस अवसर पर बैंक के कर्मचारियों को भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हेलमेट वितरित किए गए।
बैंक की प्रशासक वर्षा श्रीवास ने बैंक की उपलब्धियों पर संतोष जताते हुए आगामी वित्तीय वर्ष में और अधिक विकास करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि बैंक से संबद्ध सहकारी समितियों का कम्प्युटरीकरण किया जा रहा है, जिससे किसानों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएँ मिल सकेंगी।
महाप्रबंधक के.के. रायकवार ने जानकारी दी कि बैंक किसानों की अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, बैंक मध्यम अवधि के कृषि आधारित परियोजनाओं के लिए भी ऋण वितरण में पूरी तत्परता से काम कर रहा है।
सभा में उपस्थित म.प्र. राज्य सहकारी बैंक के संभागीय प्रबंधक गणेश यादव ने बैंक द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंक आज भी किसानों के लिए ऋण उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण साधन है, और इसे निष्ठा से संचालित करना आवश्यक है।
इस मौके पर धार जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सहकारिता को ग्रामीण भारत की आर्थिक रीढ़ बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास संभव है। उन्होंने कहा कि पेक्स कम्प्युटराईजेशन योजना के तहत बैंक की सभी संबंधित संस्थाओं का कम्प्युटरीकरण किया जा रहा है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली और पारदर्शी होगी। इस अवसर पर बैंक के उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया।
सभा का संचालन ममता शुक्ला ने किया, जबकि सौरव सिंह समकारिया, प्रदीप पाठक, दीपक शुक्ला, और अन्य कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।