धार। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर सड़कों की हालत देखें तो ये दयनीय हैं। नागदा-गुजरी मार्ग को बने हुए तीन साल से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति की गई है।
अब डर सताने लगा है कि कहीं यह रोड राहगीरों के लिए मौत की सड़क ना साबित हो जाये। रोड के पार्टीशन में दरारें बड़ी हो गईं हैं जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं।
रोड अधिकांश जगह से दो भागों में फट गई है जिससे रास्ते पर चलने वाले दोपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं तो वहीं चार पहिया वाहन भी संतुलन खोने की वजह से हादसे का शिकार हो रहे हैं।
रोड पर जगह-जगह दरारें बता रही हैं कि इस ओर ना तो एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे और ना निर्माणकार्य करने वाला ठेकेदार। जिम्मेदार अधिकारी रोड बनाने के बाद इसे भूल गए हैं।
विभाग द्वारा इस रोड के बनने के बाद बस नाममात्र का कार्य किया गया है। देखभाल के नाम खानापूर्ति कर दी जाती है। यदि समय रहते जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण कार्य अवधि खत्म हो जाएगी और फिर रोड सही करवाने के लिए सरकार को अपना ख़जाना खाली करना पड़ेगा।
इसके लिए फिर से सड़क सही करने में बंदरबांट होगी। फिर नए टेंडर होंगे। फिर नई घोड़ी नया दाम वाला खेल खेला जाएगा और सरकार को राजस्व का नुकसान होगा।
समय रहते अगर सोये विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रोड का मरम्मत कार्य करवाया जाए तो सरकार को इस रोड में दोहरी मार नहीं खानी पड़ेगी। बता दें कि नागदा गुजरी मार्ग बनने के बाद से ही इसमें क्रैक आने लगे थे।
जब रोड निर्माण हो रहा था, उस समय ही विभाग के जिम्मेदार इस पर ध्यान देते तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता। साथ ही साथ स्टेट हाइवे संख्या 31 की सड़कें भी जगह-जगह से दरकने लगी हैं।
यही नहीं कई जगहों पर तो सड़क बैठ गई है। बता दें कि मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही भी बंद है। एमपीआरडीसी के अफसरों की अनदेखी के कारण निर्माण एजेंसी ने एक ओर जहां निर्माण में लापरवाही बरती है, वहीं गुणवत्ता का भी ख्याल नहीं रखा है।
इतना ही नहीं मार्ग में अनारद में पुरानी सड़कें भी हैं जो अभी तक मरम्मत नहीं की गई हैं। ठेकेदार द्वारा अपना फायदा देखा गया है और उसके द्वारा पुरानी सीमेंट कांक्रीट रोड पर निर्माण ही नहीं किया गया व पुरानी सड़क को रंग रोगन कर दिया गया है।
रोड की यहां पर स्थिति ज्यादा बेकार –
यूं तो नागदा-गुजरी मार्ग की सड़कें अधिकांश जगह खराब हैं, लेकिन बता दें कि तोरनोंद गांव व ढाबे व पुल के पास रोड दो हिस्सों में बंट गई है। रोड फटने से रोड में 2 से 3 इंच की दरार आ गई है।
69 किलोमीटर लंबे इस रोड में कई जगह यही समस्या दिखाई दे रही है। जगह-जगह पर रोड में दरारें आ रही हैं तो कई जगह रोड बैठ गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह समस्या तो रोड बनने के कुछ समय बाद ही दिखाई देने लगी थीं। कई बार जिम्मेदारो को बताया गया लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया।
पुरानी पुलिया पर तान दी सड़क –
नागदा-गुजरी मार्ग 69 किलोमीटर की रोड में छोटी-बड़ी कुल 100 से अधिक पुलिया व तीन मझोले आकार के पुल हैं। रोड निर्माण के दौरान एग्रीमेंट में सभी पुलिया का नया निर्माण करना था, लेकिन अधिकांश पुरानी पुलिया पर ही रोड निर्माण कर दिया गया।
धार-नागदा के बीच तीसगांव पशु चिकित्सालय के पास अनारद व तोरनोद टोल टैक्स के पास इसके अलावा कई पुलिया हैं जो ऐसी ही हैं, जो बनाई नहीं गई हैं। इसके कारण किसानों के खेतों में पानी भरा रहता है।
पुरानी पुलिया अपनी जगह छोड़ रही हैं व उनकी हालत ऐसी हो गई है कि किसी दिन कहीं बड़ा हादसा ना हो जाए। निर्माण कंपनी ने पैसे बचाने के चक्कर में पुरानी पुलिया पर रोड बना दी है।
घटिया नाली निर्माण –
नागदा-गुजरी मार्ग पर गांव में बनी नालियों का निर्माण कार्य भी घटिया है जो बनने के कुछ दिन बाद ही टूट गए। रोड बने चार साल से अधिक हो गए हैं लेकिन अभी तक नाली सही नहीं हुई है।
रोड पर अनारद व अधिकांश गांवों में नाली टूट गई है। नाली टूटने की बात भी विभाग व ठेकेदार को ग्रामीणों द्वारा मौखिक और लिखित शिकायत के जरिये भी बताई गई है लेकिन आज तक नालियों को सही नहीं कराया गया।
बीते दिनों नाली में एक बालक गिर गया था जिसके कारण उसके पैर में चोट आई थी व कई राहगीर भी दुर्घटना का शिकार हुए हैं। उसके बाद भी जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
नाली निर्माण के समय भी कई बार शिकायत की गई लेकिन इस ओर विभाग व ठेकेदार ने ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा आज तक ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
आए दिन हो रही हैं दुर्घटनाएं –
इस मार्ग से आवागमन के दौरान आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिसमें पूर्व में कई यात्री चोटिल हो चुके हैं। बता दें कि तोरनोद के पास पुलिया पर चार पहिया वाहन पलट गया था जबकि उमरिया फाटे पर रोड की मरम्मत करते हुए कलसाडा निवासी व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। वहीं तलाई पर भी आए दिन दुर्घटना होती रहती है।
सांकेतिक चिह्नों का नहीं होना बन रहा दुर्घटना का कारण –
सड़क ठेकेदार के द्वारा सड़क निर्माण के दौरान अधिकांश जगह सांकेतिक चिन्ह नहीं लगाए गए हैं। कुछ जगह लगे हैं तो टूट कर गिर गए हैं और कई जगह लगाए ही नहीं गए, जिससे चालकों को आने-जाने के दौरान कहां से जाएं, कहां से बायें मुड़ना इसकी जानकारी नहीं हो पाती है।
रात के समय ज्यादा परेशान होना पड़ता है। वाहन चालक पूर्व में कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा साइड को भी सही नहीं भरा गया है जिसके कारण वाहन हादसों का शिकार हो रहे हैं।
काम शुरू करवाया है –
गुजरी मार्ग का काम चालू कर दिया है। जल्दी से काम पूरा करवाया जायेगा व जो भी रोड में खामियां हैं उसे पूरा ठीक करवाया जायेगा।
– दिनेश पाटीदार, एडिशनल जनरल मैनेजर, एमपीआरडीसी, धार