बसंत पंचमी पर धार की भोजशाला में भव्य आयोजन, शोभायात्रा और धर्मसभा में उमड़ा जनसैलाब


बसंत पंचमी 2024 के अवसर पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भव्य आयोजन हुआ। मां सरस्वती के जन्मोत्सव पर शोभायात्रा, यज्ञ, महाआरती और धर्मसभा आयोजित हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

बसंत पंचमी के अवसर पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में मां वाग्देवी सरस्वती जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। सूर्योदय से सूर्यास्त तक मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई, वहीं हजारों की संख्या में श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल हुए। इस मौके पर महामंडलेश्वर श्री ईश्वरानंद उत्तम स्वामी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित किया और हिंदू समाज की एकजुटता पर जोर दिया।

भव्य शोभायात्रा और पूजा-अर्चना

बसंत पंचमी के अवसर पर भोजशाला परिसर को भगवा पताकाओं और फूलों से सजाया गया था। सुबह होते ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मां वाग्देवी का तेलचित्र विशेष बग्गी में रखकर उदाजी राव चौपाटी से विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो प्रमुख मार्गों से होते हुए भोजशाला पहुंची। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया।

भोजशाला में पहुंचने के बाद महाआरती का आयोजन हुआ और फिर धर्मसभा प्रारंभ हुई। मां सरस्वती के मंदिर में यज्ञकुंड को गोबर से लीपकर आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जहां भक्तों ने पूरे दिन आहुतियां दीं। बसंतोत्सव के तहत यह आयोजन तीन दिनों तक चलेगा।

धर्मसभा में उत्तम स्वामी महाराज का संबोधन

धर्मसभा को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर श्री ईश्वरानंद उत्तम स्वामी महाराज ने कहा कि हिंदू समाज यदि एक वर्ष भोजशाला में बैठ जाए तो मां सरस्वती की पुनः स्थापना में देरी नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना होगा कि भविष्य में भोजशाला में केवल सनातनी परंपराओं का पालन होगा।

उन्होंने कहा, “हमने भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए 500 वर्ष संघर्ष किया, लेकिन अब संघर्ष का समय समाप्त हो चुका है, अब प्राप्ति का समय है। हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां भोजशाला में मां सरस्वती के दर्शन कर सकें।”

महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी ने बताया कि वह स्वयं जनजागरण के लिए 15 दिन की यात्रा निकालेंगे और इस विषय पर मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा करेंगे।

पहले दिन के कार्यक्रम

सुबह 7:00 बजे: भोजशाला में मां सरस्वती यज्ञ की शुरुआत।

सुबह 11:00 बजे: उदाजीराव चौपाटी से भव्य शोभायात्रा।

दोपहर 1:30 बजे: धर्मसभा का आयोजन, जिसमें महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी मुख्य वक्ता रहे।

दोपहर 1:30 बजे: महाआरती का आयोजन।

शाम 5:50 बजे: यज्ञ की पूर्णाहुति और आरती।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

भोजशाला में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। पूरे आयोजन के दौरान 700 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहे।

सीसीटीवी निगरानी: सुरक्षा के लिए 70 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।

अस्थाई थाना: भोजशाला परिसर में एक अस्थाई थाना बनाया गया।

हाईराइज बिल्डिंगों से निगरानी: 20 ऊंची इमारतों पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई।

पड़ोसी जिलों से पुलिस बल: अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया, जिसमें 9 राजपत्रित अधिकारी और 19 थाना प्रभारी शामिल थे।

दूसरे दिन के कार्यक्रम (4 फरवरी)

सुबह 8:55 बजे: भोजशाला में नियमित सत्याग्रह।

दोपहर 2:30 बजे: मातृशक्ति सम्मेलन, जिसमें धर्मजागरण प्रांत सह संयोजिका भारती दीदी मुख्य अतिथि होंगी।

रात 8:00 बजे: भजन संध्या, जिसमें भजन सम्राट द्वारका मंत्री भजनों की प्रस्तुति देंगे।

भोजशाला में उमड़ा जनसैलाब

इस आयोजन में धार सहित आसपास के जिलों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे। पूरे शहर को भगवा पताकाओं से सजाया गया था, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु मां सरस्वती के जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा में शामिल हुए।

भोजशाला में यह भव्य आयोजन हिंदू समाज की आस्था और एकता का प्रतीक बना। आगामी दिनों में भी बसंतोत्सव के तहत धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे धार का माहौल पूरी तरह भक्तिमय बना रहेगा।



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