आत्मनिर्भर निधि योजनाः बैंकों की बेरूखी से हताश हितग्राही देने लगे आवेदन, नहीं चाहिए ऋण


– एक हजार स्ट्रीट वेंडर्स ने किया इंकार, आठ माह बाद भी पंजीकृत हितग्राहियों में 50 प्रतिशत को भी नहीं मिला लोन।
– सबसे बड़े नगरपालिका क्षेत्र पीथमपुर में योजना की प्रगति महज 28 प्रतिशत।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। कोरोना महामारी काल के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित हुए ‘स्ट्रीट वेंडर्स’ को फिर से बाजार में खड़ा करने के लिए प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि ऋण योजना की स्थिति धार जिले में ठीक नहीं है।

इस योजना को मप्र में एक जून 2020 को लागू किया गया था। इसके बाद भी बीते आठ महीनों में पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स की तुलना में 50 प्रतिशत लोगों को भी ऋण नहीं मिल पाया है। इस योजना से सीधे-सीधे आम आदमी यानी गरीब और मध्यमवर्गीय तबका जुड़ा हुआ है।

हालात यह है कि करीब एक हजार हितग्राहियों ने बैंक और निकायों के चक्कर काट-काटकर लोन लेने से मना कर दिया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत 10 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण स्ट्रीट वेंडर्स को व्यापार को पुन: स्थापित करने के लिए दिया जाना था।

बैठकों में बातें, सुधार शून्य –

जिले में इस योजना का बेहद महत्व है। दरअसल यह क्षेत्र मजदूर और कृषि बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्र है। जिले में 11 नगर निकाय है। यहां के पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण वितरण में लेटलतीफी के बाद कलेक्टर ने कई बैठकें लेकर बैंकों और निकायों को आपस में समन्वय बनाकर प्राथमिकता से ऋण वितरण के लिए हिदायतें दी हैं।

इसके बावजूद बैठकों में हुई बातों का असर नहीं दिखाई दिया। बैठकों के बाद भी ऋण वितरण में कोई गति नहीं आई है। सुधार के प्रयास शून्य रहे।

हालात यह है कि जिले में 17 हजार 27 पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स हैं, जिसमें से बीते आठ महीनों और प्रशासनिक दखल के बाद बमुश्किल 4976 हितग्राहियों को 10-10 हजार का ऋण मिल पाया है। इसके लिए भी हितग्राही ने कई बार बैंकों व निकायों के चक्कर लगाए हैं।

सबसे ज्यादा पंजीयन धार में, लोन देने में पीथमपुर कमजोर –

जिले में सबसे ज्यादा पंजीयन 6301 धार नगरपालिका क्षेत्र में स्ट्रीट वेंडर्स का है। यह बात अलग है कि इसकी तुलना में आधा बाजार बैठक शुल्क भी निकाय में जमा नहीं हो पाता है। इस निकाय में 49 प्रतिशत की ऋण वितरण प्रगति है।

इधर जिले के सबसे बड़े नगरपालिका क्षेत्र पीथमपुर में पीएम स्वनिधि आत्मनिर्भर योजना में ऋण वितरण की स्थिति महज 28 प्रतिशत है। यहां पर 807 लोगों को ही ऋण मिल पाया है। इस क्षेत्र में 2967 पंजीकृत हितग्राही है। सबसे मुख्य बात यह है कि इन दोनों मुख्य निकाय क्षेत्रों में बैंकों की संख्या समान यानि 23-23 है।

मुख्यालय पर 800 ने कहा नहीं चाहिए लोन –

ऋण वितरण में लेटलतीफी में बैंकों का रवैया सबसे सुस्त है। पोर्टल पर प्रकरण को स्वीकृत करने के बावजूद हितग्राही को प्रकरण के संबंध में मिस गाइड किया जाता है। कई चक्कर के बाद उसे ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

जिला मुख्यालय के दो निकाय धार-पीथमपुर में 795 लोगों ने आवेदन के बाद ऋण लेने से मना कर दिया है। इसमें धार में 435 हितग्राही है तो पीथमपुर में 360।

मंत्री के क्षेत्र में 99 प्रतिशत प्रगति –

आत्मनिर्भर मप्र के नारे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छह जनवरी को स्ट्रीट वेंडर्स से रूबरू हो चुके हैं। इधर मंत्रीगण भी आत्मनिर्भर मप्र को लेकर विशेष रूप से फोकस कर रहे हैं।

प्रदेश के मंत्री व बदनावर विधायक राजवर्द्धनसिंह दत्तीगांव के विधानसभा क्षेत्र के निकाय बदनावर में योजना की प्रगति 99 प्रतिशत है। यह बात अलग है कि यहां पर आवंटित लक्ष्य महज 471 स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देने का है, जिसकी तुलना में 10 बैंकों ने 468 हितग्राही को 10-10 हजार का ऋण दिया है।

इन निकायों में बेहतर प्रदर्शन –

जिले के 11 नगर निकाय क्षेत्रों में मनावर में 85 प्रतिशत क्रियान्वयन प्रगति है। दूसरे नंबर पर राजगढ़ निकाय में 76 प्रतिशत प्रगति है। तीसरे नंबर पर कुक्षी 67 प्रतिशत, सरदारपुर में 62 प्रतिशत, डही में 71 प्रतिशत आवंटन ऋण लक्ष्य के विरूद्ध वितरण प्रगति है। इधर कमजोर निकायों में धामनोद में 38 प्रतिशत, धरमपुरी 46 प्रतिशत, मांडू 52 प्रतिशत हितग्राहियों को ही ऋण मिल पाया है।


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