धार की ऐतिहासिक भोजशाला में हाईकोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की टीम द्वार सर्वे जारी है। शनिवार को सर्वे का 16वां दिन रहा। एएसआई के अधिकारियों सहित पूरी टीम ने सुबह 8 बजे परिसर में प्रवेश किया और 5 बजे तक किया और इसके बाद ही टीम परिसर से बाहर आई।
मजदूरों सहित हिंदू व मुस्लिम पक्षकार भी भोजशाला पहुंचे। अब तक की खुदाई में टीम को सीढ़ियां मिली हैं। वहीं, तीन हजार तगारी मिट्टी हटाई गई है। एक दिन पहले यानी 5 अप्रैल को जुमे की नमाज होने के चलते 6 घंटे ही काम हो पाया था। बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप एएसआई को 6 सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को है। ऐसे में अब सर्वे के काम को गति मिलने की उम्मीद है। टीम में अलोक कुमार त्रिपाठी, अपर महा निदेशक, पुरातत्त्व विभाग व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार सहित एएसआई के 25 सदस्य एवं 30 मजदूर हैं।
तीन हजार तगारी मिट्टी हटाईः भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया की भोजशाला के अंदर और बाहर से अभी तक करीब साढ़े तीन हजार तगारी मिट्टी हटाई गई है। एएसआई तीन चार टीमें बनाकर काम कर रही है। सर्वे टीम वैज्ञानिक तरीके से अपना काम कर रही है।
रविवार को हो सकती है फर्श की खुदाईः भोजशाला के अंदर खुदाई के लिए 50 मीटर के क्षेत्र में फर्श पर चिन्हांकन किया गया है। गत दिवस इस फर्श की दरारें साफ करने का काम भी किया जा चुका है। अब यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि आज एएसआई की सर्वे टीम द्वारा यहां फर्श की खुदाई का कार्य भी शुरु किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि फर्श के दूसरे हिस्से में सन् 1988 में खुदाई के कार्य में अनेक प्रतिमाएं प्राप्त हुई थी।
खुरपी और ब्रश से मिट्टी हटाने का कामः भोजशाला में सर्वे के दौरान लोहे की खुरपी नुमा औजार, प्लास्टिक की कंघी, प्लास्टिक के ब्रश, छोटी झाड़ू, छोटे-छोटे पाइप जैसे संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। वॉशिंग, क्लीनिंग और ब्रशिंग के साथ ही केमिकल की मदद भी ली जा रही है भोजशाला के मुख्य भवन के आसपास कुल 13 स्थानों पर ट्रैंच से चिह्नित किया गया था, जिसमें से अभी 3 स्थानों पर ही मिट्टी हटाने का काम हो रहा है। आज भी इन स्थानों से छोटे-छोटे औजारों से सावधानी पूर्वक मिट्टी हटाकर परीक्षण किया जाएगा