कोरोना योद्धा नहीं बनाने से नाराज़ पंचायतकर्मियों ने किया काम बंद, मुश्किल वक्त में बैठ न जाए ग्रामीण व्यवस्था


पंचायत कर्मियों के अचानक हड़ताल पर उतर जाने से महामारी काल में कई व्यवस्थाएं प्रभावित होगी । इनमें से कई हितग्राहीमूलक योजनाएं भी शामिल हैं।


आशीष यादव
धार Updated On :

धार। कोरोना के खिलाफ़ जंग में बहुत से शासकीय विभागों के कर्मचारी शामिल हैं लेकिन कुछ पंचायतकर्मियों की भूमिका यहां बेहद महत्वपूर्ण हैं लेकिन उन्हें कोरोना योद्धा नहीं माना जा रहा है। ऐसे में सोमवार को जिले की 761 पंचायतों में सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायकों ने काम और कार्यालय बंद करने की घोषणा की है।

यह सभी कर्मी प्रदेश संगठन के आह्वान पर अनिश्चितकालीन काम बंदी कर रहे हैं। अगर ऐसा जारी रहता है तो आयुष्मान कार्ड , टीकाकरण , सीसीसी संचालन , किल कोरोना अभियान सर्वे सहित 26 विभागों की योजनाओं के काम प्रभावित होने की आशंका है।

सोमवार को जिले की 761 पंचायतों में सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायकों ने काम और कार्यालय बंद करने की घोषणा की है। यह सभी कर्मी प्रदेश संगठन के आह्वान पर अनिश्चितकालीन काम बंदी पर उतर गए हैं । प्रदेश के कई जिलों में कलेक्टर्स द्वारा पंचायतकर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करने के आदेश निरस्त किए गए हैं।

इसी के विरोध में प्रदेश संगठन के आह्वान पर धार जिले में पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक संगठन धार द्वारा काम बंदी की घोषणा को लेकर अतिरिक्त जिपं सीईओ नरवरिया और धार जनपद में सीईओ को ज्ञापन सौंपा है।

पंचायत कर्मियों के अचानक हड़ताल पर उतर जाने से महामारी काल में कई व्यवस्थाएं प्रभावित होगी । इनमें से कई हितग्राहीमूलक योजनाएं भी शामिल हैं।

पंचायतकर्मी सरकार के सबसे निचले दर्जे के सबसे ज़मीनी कर्मचारी हैं जो व्यवस्थाएं संभालते हैं। ये सीधे तौर पर अपनी पंचायतों के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

ऐसे में इनके संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है। पिछले कई दिनों में प्रदेश में बहुत से विभागों के कर्मचारी अपने काम के दौरान कोरोना संक्रमित होकर दम तोड़ चुके हैं ऐसे में पंचायत कर्मी भी अपने लिए कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग कर रहे हैं।

ये काम होंगे प्रभावित…

पंचायत कर्मी अगर अपना काम लंबे समय तक बंद करते हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अव्यवस्था बन जाएगी। इस दौरान डोर टू डोर किल कोरोना अभियान, सर्वे , क्वारेंटाईन सेंटर की व्यवस्था,  आईसोलेशन में मरीज की खाने की व्यवस्था, टीकाकरण, मेडिकल किट बंटवाना, आयुष्मान कार्ड बनवाना,  कोरोना से मृत व्यक्ति की अंत्येष्टि भी करना, प्रवासियों की सूची का संधारण करना, श्रमिक पोर्टल में प्रवासी मजदूरों एवं पॉजिटिव केस को अपडेट करना, संक्रमण के बाद भी नरेगा में प्रगति एवं प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलवाना , लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु जागरूक करना, मनरेगा में रोजगार के लिए डिमांड लगाना, खाद्यान्न पर्ची कार्य के अतिरिक्त अनेकों विभागों की योजनाएं आदि बहुत से काम सीधे तौर पर पंचायत कर्मियों से जुड़े होते हैं। ऐसे में अगर ये काम नहीं करेंगे तो ग्रामीण व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

पंचायत मंत्री की अगुवाई में एसीएस उमाकांत उमराव एवं पंचायत आयुक्त के साथ संगठन के पदाधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विषय को लेकर चर्चा चल रही है। हमने काम बंदी को लेकर जिला पंचायत में ज्ञापन सौंप दिया है। प्रदेश संगठन जो भी निर्णय लेगा उसके अनुरुप हड़ताल को लेकर आगे गतिविधि की जाएगी।

राहुल यादव, प्रदेश मीडिया प्रभारी, पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक संगठन 


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