गुंडा विरोधी अभियानः सरकारी जमीन पर बने झोपड़े ढ़हाए, लेकिन पक्के मकानों को मिली मोहलत


बुधवार को नपा का अमला शासकीय विद्यालय क्रमांक-6 के पीछे सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा था, इस दौरान बुजूर्ग महिला ने कार्रवाई का विरोध किया। यह महिला पुलिस के रिकार्ड में लिस्टेड बदमाश की मां थी।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। प्रशासन ने शहर में गुंडा विरोधी अभियान शुरू किया है। बुधवार सुबह वार्ड नंबर 13 में कार्रवाई की गई और दिलावरा रोड पर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाया। यहां क्षेत्र के गुंडे अरुण उर्फ भय्यू पिता राजू प्रजापत और उसके परिवार ने शासकीय स्कूल से लगी हुई सरकारी भूमि पर कब्जा करके एक दर्जन कच्चे-पक्के मकान बना लिए थे।

बुधवार को एसडीएम सत्यनारायण दर्रो व सीएसपी देवेंद्र सिंह धुर्वे के नेत्तृव में नगर पालिका के अमले ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। इस दौरान थाना प्रभारी कमलसिंह पंवार, नपा के कार्य प्रभारी सीएमओ विजयकुमार शर्मा एवं राजस्व विभाग, नपा व पुलिसबल मौजूद था। अमले ने कार्रवाई के दौरान स्कूल के नजदीक बने चार कच्चे झोपड़े ढ़हाए हैं, इसके अलावा शेष निर्माण को हटाने के लिए चेतावनी दी गई है।

कार्रवाई का विरोध, मरने की दी धमकी… बुधवार को नपा का अमला शासकीय विद्यालय क्रमांक-6 के पीछे सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा था, इस दौरान बुजूर्ग महिला ने कार्रवाई का विरोध किया। यह महिला पुलिस के रिकार्ड में लिस्टेड बदमाश की मां थी।

महिला का कहना था, कि बदमाश से परिवार का कोई लेनादेना नहीं है। परिवार के अन्य सदस्यों ने मेहनत, मजदूरी करके झोपड़े बनाए हैं, कार्रवाई को रोकने के लिए महिला ने अधिकारियों को कुएं में कूदकर जान देने की चेतावनी भी दी है।

महिला ने बताया कि झोपड़ों में जो किरायेदार हैं, सभी लोग मजदूरी करते हैं। कई तो किराया भी नहीं दे पाते हैं। हालांकि अधिकारियों ने बुजुर्ग महिला की बात को नजरअंदाज करते हुए महिला पुलिस के माध्यम से महिला को जेसीबी के सामने से हटवाया।

जली हुई हालत में महिला बाहर आई….  बुधवार को अमला जहां कार्रवाई के लिए पहुंचा था, वहां पर सरकारी भूमि पर इस तरह से मकान चारों ओर से बनाए गए थे कि जगह ने एक चाल का रूप ले लिया था। लोगों ने बताया कि यहां चार-पांच सौ रुपये महीने के किराये पर मजदूर परिवार रहते हैं।

एक ओर के हिस्से में कुल चार झोपड़े और एक बड़ा कच्चा मकान है। अमला बड़े मकान को ढ़हाना चाहता था, मकान में मौजूद लोगों को निकालने के लिए पुलिसकर्मी अंदर पहुंचे तो पलंग पर एक आग से झुलसी हुई महिला लेटी हुई दिखाई नज़र आई। महिला झुलसने के बाद से ही घर में ही उपचार ले रही थी।

इस तरह का दृश्य देखने के बाद अधिकारियों ने सहृदयता दिखाई, उन्होंने उस मकान को नहीं ढ़हाया। हालांकि झोपड़ों को टूटता हुआ देखकर झुलसी हुई महिला दरवाजे तक पहुंच गई और तीन बेटियों को पालने की गुहार लगाते हुए कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा।

नपा अमले ने कार्रवाई के पूर्व झोपड़े में से सामान खाली करवाया। सामान बाहर निकालने के बाद दौरान मजदूर परिवार ने सबसे पहले ईधन यानी सूखी लकड़ी और पीने का पानी निकाला। इसके बाद वे अपने झोपड़े टूटते देख रहे थे। वहीं बुजुर्ग महिला अशियाने की बजाय घर से निकाले गए भगवान की तस्वीरें और हल्दी-कुमकुम की डिब्बी को सहेजती नज़र आई।

अधूरी तोड़फोड़, पक्के मकान नहीं तोड़े… प्रशासन व नपा के अमले ने चार झोपड़े ढ़हाने के बाद आगे की कार्रवाई नहीं की। संबंधितों द्वारा इस जमीन के एक हिस्से में चार पक्के मकान बनाए गए हैं। इनमें एक हिस्से में ताला लगा होने पर अमले ने सब्बल व हथोड़े से ताला तोड़ दिया। हालांकि इन निर्माणों को प्रशासन ने नहीं ढ़हाया और अमला लौट गया।

इधर लौटने के दौरान दिलावरा रोड़ पर स्थित क्रबिस्तान के सामने सरकारी जमीन पर टिनशेड बनाकर किया गया कब्जा हटाया गया। इसी  रास्ते पर रोड के दोनों ओर के मकान मालिकों ने ओटले और शेड बना रखे हैं।

हालांकि इन आरोपों पर धार के एसडीएम सत्यनारायण दर्रो का कहना है कि उन्होंने कोई मोहलत नहीं दी है और कार्रवाई फिर की जाएगी।  उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई गुंडा अभियान के तहत की गई हैं।

मनावर में सवा करोड़ की जमीन मुक्त करवाई… मनावर एसडीएम दिव्या पटेल द्वारा कार्रवाई की गई। यहां छह से अधिक जगह कार्रवाई की गई। इनमें स्टेट हाईवे क्रमांक 38 के किनारे से  एक हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई। यहां से तीन लोगों के मकान हटाए गए एवं तीन कृषक द्वारा कब्जा की गई भूमि शामिल है। इस जमीन की कीमत  सवा करोड़ रुपये है वहीं सिंघाना रोड मनावर पर स्टेट हाईवे के पास भी एक बड़ी जमीन मुक्त कराई गई है।


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