संरक्षित इमारत भोजशाला में हाईकोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा सर्वे जारी है। एएसआई की टीम सात दिनों से लगातर भोजशाला और परिसर में सर्वे कर रही है। टीम द्वारा कार्बन डेटिंग के साथ आधुनिक उपकरण से सर्वे किया जा रहा है साथ ही भोजशाला की नींव को लेकर भी पिछले और उत्तर दिशा में खुदाई कराई जा रही है। गुरुवार को भी 17 सदस्यीय टीम ने 20 मजदूरों के साथ भोजशाला में प्रवेश किया और सर्वे को जारी रखा। सर्वे में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के सदस्य शामिल है।
मिट्टी के अवशेषों को जांच के लिए भेजा : सर्वे टीम द्वारा भोजशाला के गर्भगृह के पिछले हिस्से सहित आसपास के चार पाइंट पर खुदाई कराई जा रही है । एक स्थान पर 8 फीट की खुदाई की जा चुकी है साथ ही अन्य स्थानों पर खुदाई जारी है। खुदाई में निकलने वाले अवशेषों को सुरक्षित रखकर टीम द्वारा जांच के लिए भिजवाया गया है। खुदाई के दौरान निकालने वाली मिट्टी की भी आधुनिक उपकरण से जांच की जा रही है साथ ही टीम द्वारा रिपोर्ट भी तैयार कराई जा रही है।
50 मीटर दायरे का हुआ मेजरमेंट : इंदौर हाइकोर्ट के निर्देश पर भोजशाला और उसके आसपास के 50 मीटर में एएसआई का सर्वे होना है। गुरुवार को टीम ने भोजशाला और उसके 50 मीटर के दायरे का मेजरमेंट कर कुछ स्थानों को भी चिन्हित किया है। आगामी दिनों में इस मेजरमेंट वाले हिस्से भी टीम सर्वे कर सकती है। टीम द्वारा सातवें दिन का सर्वे पूरा कर लिया गया है।
नींव की खुदाई भी जारी: सर्वे टीम द्वारा भोजशाला की नींव की खुदाई कराई जा रही है जिससे पता लगाया जा सके इमारत कितनी पुरानी है। नींव की खुदाई में ही टीम को इमारत की सही जानकारी मिल पाएगी। गुरुवार के टीम के कुछ सदस्यों ने भोजशाल के उपरी हिस्से में सर्वे किया है।
छत पर भी जांच की:
सर्वे में अब तक बैस तैयार किया गया है। टीम द्वारा कुछ पाइंट नोट किए गए है। अलग-अलग मशीनों से जांच चल रही है। छत पर भी टीम के सदस्यों ने जांच की है। दो नए सदस्य भी टीम में शामिल हुए है। मुस्लिम पक्ष के अबदूल समद के भोजशाला के मिस्ट्री वाले सवाल पर गोपाल शर्मा ने बताया कि प्राचीन समय में धार नगर नाथ समुदाय का हुआ करता था। जब काल भैरव सिध्द क्षेत्र था राजा भोज दसवीं शताब्दी के थे, कमाल मौलाना यहां पर कमलनाथ की समाधि थी, जिस पर शिवलिंग स्थापित था, सभी जानते हैं कि एक समय यहां नाथ संप्रदाय का भी समय था पूरा शहर बसा था, काल भैरव सिद्ध क्षेत्र था। नगर में जितनी भी समाधि है सभी नाथ संप्रदाय की है 437 समाधिया नाथ संप्रदाय की नगर में मौजूद हैं, यहां कमलनाथ जी की समाधि है, काल भैरव के जो पुजारी हैं उनके पास इतिहास लिखा हुआ है कि यह उनकी समाधि है और उसी पर शिवलिंग था अब यह उनकी हो गई और जिस कमाल मौलाना की यह बात कर रहे हैं उनकी मजार तो अहमदाबाद में बनी हुई है, यह तो उनका अपना तरीका देखने का है, साँच को आंच क्या, हम तो कह रहे सर्वे करवा लो उस स्थान का, जो सत्य होगा सामने आएगा।