धार। औद्योगिक संस्थानों के सीएसआर मद से बच्चों के चेहरों पर खिलेगी मुस्कान। दरअसल सीएसआर फंड का उपयोग कई उद्योगपति अब बच्चों की बेहतर शिक्षा, पालन-पोषण और जीवन के लिए करेंगे।
यह सब धार कलेक्टर आलोक सिंह के प्रयासों से किया जा रहा है। धार जिले में माता या पिता को खो चुके एकल पालक वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्रतिमाह आर्थिक सहायता देकर ‘संबल’ देने का प्रयास शुरू हो गया है।
इसके तहत 50 एकल पालक वाले गरीब परिवारों के बच्चों को चिह्नित किया गया है जिन्हें 2000 रुपये माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
नियमित भागीदारी से होगा काम –
स्पांसर्स योजना यूं तो महिला एवं बाल विकास विभाग की नियमित योजना है, लेकिन सीमित मद होने के कारण एकल परिवार वाले सीमित बच्चों को ही आर्थिक आधार पर सहायता की जाती थी।
इस योजना को कलेक्टर आलोक सिंह ने सीएसआर मद की मदद से विस्तारित करते हुए अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की पहल शुरू की है।
हालांकि इस योजना की निरंतरता अब सीएसआर मद की भागीदारी पर ही निर्भर रहेगी। इसमें अधिक से अधिक कंपनियां जुड़ेंगी तो लंबे समय तक नियमित रूप से बच्चों को मदद दी जा सकेगी।
सर्वे में 300 बच्चे मिले –
पालक में माता या पिता को खो चुके सिर्फ ऐसे बच्चों को ही सहायता मिलेगी जिनके पास पीछे कोई मजबूत फाइनैंशियल बैकग्राउंड नहीं है। फिलहाल विभाग ने कलेक्टर की मंशा के अनुसार कमजोर वर्ग के एकल पालक वाले बच्चों का जिले में सर्वे कराया है।
करीब 300 के लगभग बच्चे सामने आए हैं। सीएसआर मद के तहत चरणबद्ध रूप से जरूरतमंदों को सामान्य जीवन-यापन के लिए मदद मुहैया कराई जाएगी।
14 बच्चों की सरकार उठाएगी जिम्मेदारी –
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में करीब 14 ऐसे बच्चे सामने आए हैं जिन्होंने अपने माता और पिता दोनों को खो दिया है। अब इन बच्चों के अभिभावकों को बच्चों की परवरिश के लिए 5 हजार रुपये प्रति महीने की आर्थिक सहायता मिलेगी।
बच्चों को मुफ्त शिक्षा, अनाज सहित उच्च शिक्षा के लिए फीस सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। उल्लेखनीय है मार्च से 30 जून तक कोरोना या अन्य कारणों से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है।
जिला कलेक्टर के प्रयासों से सीएसआर मद के माध्यम से एकल पालक वाले बच्चों को स्पांसर्स योजना के तहत लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में जिले से 14 बच्चों को चिह्नित कर लिया गया है।
– सुभाष जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी, धार