250 करोड़ का सेंट टेरेसा जमीन घोटाला: हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका, आपराधिक कार्रवाई रद्द


इंदौर हाईकोर्ट ने सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में धार पुलिस की आपराधिक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया। 250 करोड़ के इस विवादित मामले में कलेक्टर के आदेश को भी रद्द करते हुए याचिकाकर्ताओं को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।


आशीष यादव
धार Published On :

सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: आपराधिक कार्रवाई शून्य और अमान्य घोषि

इंदौर हाईकोर्ट ने सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में शामिल आरोपियों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक धार द्वारा की गई आपराधिक कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित कर दिया है, साथ ही कलेक्टर धार द्वारा जारी आदेश को भी निरस्त कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 50 हजार रुपए का भुगतान करने का निर्देश भी दिया है। यह मामला लगभग दो साल से चर्चा में था, जिसमें अब तक कुछ आरोपी फरार थे। कोर्ट के इस फैसले के बाद धार के गलियारों में इसे लेकर हलचल तेज हो गई है।

 

क्या है सेंट टेरेसा जमीन मामला

सेंट टेरेसा की जमीन, जो सर्वे नंबर 29 मगजपुरा के नाम से दर्ज है, को 19 अगस्त 1895 में महाराजा आनंद राव पंवार ने महिला अस्पताल और डॉक्टरों के बंगले के लिए दान में दी थी। यह जमीन कुल 3.074 हेक्टेयर की है। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस जमीन को कई व्यक्तियों को बेचा गया। महू तहसील के ग्राम पांदा निवासी जयसिंह ठाकुर की शिकायत पर 28 नवंबर 2021 को 27 लोगों के खिलाफ पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोपियों में सुधीर जैन और उनके परिवार के लोग फरार थे, जिन पर 250 करोड़ रुपए की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप था।

 

कोर्ट का 14 पेज का फैसला

याचिकाकर्ता आयुषी जैन और सरिता जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक धार द्वारा की गई कार्रवाई को शून्य और अमान्य घोषित किया। न्यायालय ने 14 पेज के फैसले में कलेक्टर और एसपी की कार्रवाई की निंदा करते हुए अधिकारियों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका को गंभीरता से लेते हुए इस कार्रवाई को गलत ठहराया।

 

अधिकारियों पर अर्थदंड

अभिभाषक इशान तिवारी ने बताया कि न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों पर अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने दोषी अधिकारियों के कृत्य को निंदनीय बताते हुए उन्हें याचिकाकर्ताओं को हानि के लिए 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक और उप पुलिस अधीक्षक पर कंटेम्प्ट की अलग से कार्यवाही भी चल रही है।

 

शुरू से कमजोर था मामला

इस मामले में शुरू से ही दम नहीं था। महू के जयसिंह ठाकुर, जिनके खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, की शिकायत पर पुलिस ने प्रतिष्ठित व्यक्तियों को जेल भेजा था। पुलिस ने इस जमीन की कीमत 250 करोड़ बताई थी, जबकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार इसकी कीमत मात्र 11 करोड़ 71 लाख रुपए है। इस जमीन पर कई व्यावसायिक इमारतें, स्कूल और अस्पताल बने हुए हैं।

 

इस फैसले ने न केवल सेंट टेरेसा जमीन घोटाले को नया मोड़ दिया है, बल्कि पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

 


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