247 करोड़ का जमीन घोटालाः 1700 से अधिक पेज की केस डायरी तैयार


हाईकोर्ट में जमानत याचिका सुनवाई के दौरान पुलिस मजबूती से रखेगी शासन का पक्ष, मालवा चर्च काउंसिल के पदाधिकारी बनकर केस हारने वाले नेल्शन और राम स्वरूप को ढूंढ रही है पुलिस, पदाधिकारी होने की जुटा रही है जानकारी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar land scam

धार। धार जिले के सबसे बड़े भूमि घोटाले में पुलिस अब मालवा चर्च काउंसिल की ओर से पदाधिकारी के तौर पर केस में आपत्ति लगाने वाले और बाद में केस हारने वाले दो लोगों को तलाश रही है। इन पदाधिकारी नेल्शन और रामस्वरूप की जानकारी भी काउंसिल के मुख्य कार्यालय से मांगी गई है।

सीहोर स्थित कार्यालय से 20 साल से संस्था के पदाधिकारियों का रिकॉर्ड मांगा गया है। पुलिस को इन दोनों की भूमिका संदिग्ध लग रही है। प्राथमिक कोर्ट में डिक्री फैसले हासिल करवाने में इन लोगों की भूमिका मैनेज आपत्तिकर्ता के तौर पर मानी जा रही है।

पुलिस को यह भी जानकारी लगी है कि इनमें से एक की मौत हो गई और मौत के बाद भी इनके नाम से केस आपत्ति लगाई गई थी। वहीं एक अन्य व्यक्ति के काल्पनिक होने की संभावनाएं भी जताई जा रही है। हालांकि तमाम बातें सूत्र बता रहे हैं।

सूत्रों से मिली जानकारियों को पुख्ता करने के लिए इनसे संबंधित साक्ष्य पुलिस द्वारा एकत्रित किए जा रहे हैं। यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है तो केस में पुलिस को बड़ी मदद मिलेगी।

1700 पेज की केस डायरी अब तक तैयार –

प्रकरण दर्ज होने बाद 12 दिसंबर तक बीते 15 दिनों में पुलिस ने करीब 1700 पेज की केस डायरी तैयार की है। डायरी हाईकोर्ट में आरोपियों की जमानत याचिका के दौरान पेश की जाएगी।

पुलिस जमानत सुनवाई को लेकर शासन की ओर से मजबूती से पक्ष पेश करेगी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट में मुख्य आरोपियों में शामिल विवेक तिवारी की ओर से जमानत याचिका लगाई गई है। हालांकि इसे अभी सुनवाई हेतु तारीख नहीं मिली है।

सर्वाधिक रजिस्ट्रियों में सुधीर परिवार की भूमिका –

मगजपुरा सर्वे नंबर 29 की करीब 3.074 हैक्टेयर भूमि स्टेट समय में जनकल्याण उपयोग हितार्थ भूमि लीज पर दी गई थी जिसकी (247 करोड़ वर्तमान कीमत) आंकी गई है। इसकी लीज 1994 में समाप्त हो चुकी है। लीज रिनीवल नहीं की गई है।

इसी भूमि पर खंड-खंड में भूखंड विक्रय करने में सुधीर दास के बाद मुख्य भूमिका सुधीर शांतिलाल के परिवार की रही है। इस परिवार से भूमि पर अब तक की गई 41 रजिस्ट्रियों में सर्वाधिक रजिस्ट्रियों में भूमिका है।

इस मामले में पुलिस गिरफ्त से दूर सिद्धार्थ की पत्नी की भी भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस मामले में इस परिवार से दो लोग एक महिला और एक पुरुष जेल में बंद हैं। वहीं तीन लोग पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस विशेष प्रयास कर रही है।

इंदौर का अखिलेश, धार में भी तलाश –

भूमि अफरा-तफरी मामले में शासकीय महकमे के लोगों की भी कम भूमिका नहीं रही है। विवादित भूमि पर खंड-खंड में भूखंड लोगों को विक्रय किए गए, लेकिन कॉलोनी एक्ट या इससे संबंधित अन्य एक्ट को लेकर कोई पालन नहीं करवाया गया।

इस पूरे प्रकरण में करीब 26 आरोपी और एक संस्था को प्रथम दृष्टया मुख्य दोषी पाया गया है जिसमें चार भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड सुधीर दास उर्फ बनी, विवेक तिवारी, अखिलेश अमृतलाल शर्मा और सुधीर शांतिलाल पर भादवि की धारा 193, 420, 409, 467, 468, 471, 120 बी में प्रकरण पंजीबद्ध है।

इसमें अखिलेश शर्मा की पुलिस तलाश कर रही है। अखिलेश का पता बिचौली मर्दाना इंदौर बताया गया है। जमीन की अफरा-तफरी की शुरुआत में मालवा चर्च काउंसिल की पदाधिकारी रही ईला पीटरदास ने इंदौर में अखिलेश शर्मा के नाम से मुख्तियार नामा बनाया था।

जमीन का दस्तावेज पंजीयन निष्पादन करने के दौरान मुख्तियार या जमीन मालिक की भूमिका बताने वाले व्यक्ति का स्थानीय होना आवश्यक है। मुख्तियार नामा धार की बजाय इंदौर में बनाया गया जिसमें अखिलेश इंदौर के नाम से पावर ऑफ अटर्नी की गई।

अंकित पते पर अखिलेश का कोई वजूद नहीं पाया गया है। बताया जा रहा है कि अखिलेश धार के ही मझलीआली से संबंधित है और सुधीर के खास आदमियों में शुमार है। पुलिस इस मामले में भी इंदौर-धार दोनों स्थानों पर अखिलेश शर्मा को ढूंढ रही है।

10 हजार के इनामी आरोपी को इंदौर से किया गिरफ्तार –

करोडडों रुपये कीमत की जमीन की अफरा-तफरी कर धोखाधड़ी करने वाले फरार आरोपी मोहम्मद शहजाद पिता अब्दुल को धार पुलिस टीम ने रविवार की देर रात इंदौर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही लगातार फरार चल रहा था तथा इंदौर छोड़कर भी बाहर निकल गया था।

इसी बीच तीन दिन पहले आरोपी के पुनः इंदौर आने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई। इसी के आधार पर मुखिबर तंत्र को सक्रिय किया गया और 10 हजार के इनामी व फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रात में आरोपी को लेकर पुलिस टीम धार पहुंची व थाने पर कार्रवाई पूरी की गई।

15 आरोपी हुए गिरफ्तार –

शहर के सेंट टेरासा की शासकीय जमीन को अपनी बताकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में तीन माह की जांच के बाद पुलिस ने 28 नवंबर को कुल 26 नामजद आरोपी सहित एक संस्था को आरोपी बनाया था जिसमें से पहले दिन 13 व उसके बाद दो आरोपी यानी अब तक कुल 15 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

फरार चल रहे आरोपियों पर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने दो मर्तबा क्रमश पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया। इसके बाद डीएसपी यशस्विनी शिंदे, सीएसपी देवेंद्र सिंह धुर्वे व टीआई समीर पाटीदार को लेकर एक टीम बनाई गई, जिन्हें रविवार की देर रात सफलता मिली।



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