धार, 5 सितंबर: जिला शिक्षक सम्मान समारोह समिति ने शिक्षक दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया, जिसमें 181 सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान किया गया। इस समारोह में जिले और नगर की 9 विशिष्ट प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया।
समारोह का उद्घाटन श्रद्धा गार्डन में महामंडलेश्वर डॉ नरसिंहदास जी महाराज की उपस्थिति में हुआ। अन्य अतिथियों में ब्रजकांत शुक्ला (सहायक आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग), रविंद्र वास्केल (नगर पुलिस अधीक्षक), पुरुषोत्तम विश्नोई (रक्षित निरीक्षक), श्रीमती भगवती काग (जिला पेंशन अधिकारी), और दीपक सिसोदिया (रीजनल मैनेजर, भारतीय स्टेट बैंक) शामिल थे।
समिति के प्रवक्ता आशीष गोयल ने बताया कि पिछले 40 वर्षों से समिति सेवानिवृत्त शिक्षकों को शॉल, श्रीफल, माला और सम्मान पत्र प्रदान कर रही है। इस दौरान लगभग 5600 सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, समिति ने राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों, और 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले प्राचार्यों को भी सम्मानित किया है।
महामंडलेश्वर डॉ नरसिंहदास जी महाराज ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक और सैनिक कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकते, और गुरु की कृपा से कोई भी ज्ञानवान हो सकता है।
बृजकांत शुक्ला ने शिक्षकों के संस्कार निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और नए शिक्षकों को उनके अनुभव से लाभ की कामना की। रविंद्र वास्केल ने तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया और ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी।
शिक्षा और पेंशन से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से जानकारी देते हुए, श्रीमती भगवती काग ने पेंशन प्रकरणों को संभालने का सुझाव दिया और किसी भी समस्या पर सहायता का आश्वासन दिया। दीपक सिसोदिया ने बैंकिंग नियमों की जानकारी दी और ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सावधान रहने की सलाह दी।
समारोह में नन्ही बालिका मुक्ता और हिमानी अंकुर पालीवाल ने सरस्वती और गुरु वंदना नृत्य प्रस्तुत किया। श्री हरजीत सिंह होरा ने गुरु वंदना पेश की और श्रीमती अरुणा बोड़ा ने सरस्वती वंदना का गायन किया।
समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए, यह कार्यक्रम जिले के लिए एक गर्व की बात है कि इसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा ‘सेवानिवृत्त शिक्षकों का विश्व का सबसे बड़ा सम्मान समारोह’ का दर्जा प्राप्त हुआ है।