धार। जिला पुलिस ने एक अभियान चलाकर सौ से अधिक परिवारों का खुशियां दी हैं। ये खुशियां उनकी बेटियों के रुप में उनके पास लौटकर आईं हैं। पुलिस ने महीने भर तक एक खास अभियान चलाकर ऐसी 105 बेटियों को गुजरात सहित देश के कई राज्यों से ‘दस्तयाब’ किया है।
जिले में गुमशुदाओं के एक वर्ष से पुराने मामलों में खोजबीन के लिए 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक 30 दिन का विशेष अभियान चलाया गया था। इस अभियान को एसपी एवं एएसपी की मॉनिटरिंग में उपपुलिस अधीक्षक (महिला अपराध) यशस्वी शिंदे ने लीड किया था। इस दौरान जिले के पुलिस थानों में लापताओं संबंधी मामलों में तेजी से खोजबीन की गई।
इस अभियान के बाद अलग-अलग स्थानों से लड़कियों को बरामद किया गया। सबसे मुख्य बात यह है कि लापता बालिकाओं में अनेकों नाबालिग थीं और अपने परिचितों के साथ भागकर रहने लगी थीं। ऐसे मामलों में दस्तयाब करने के साथ दुष्कर्म की धाराओं में भी प्रकरण दर्ज किए गए हैं। अभियान के दौरान वर्ष 2013 में लापता बालिकाओं के करीब 8 मामले ट्रेस किए गए हैं। सात साल बाद अनेकों बेटियां अपने परिजनों से मिलवाई गई हैं। इनमें से कई भागने के दौरान नाबालिग आयु में थी, लेकिन बरामदगी के दौरान बालिग स्थिति में आ गई हैं।
दस्तयाबी अभियान के तहत गुमशुदाओं को तलाशने में मनावर और अमझेरा थाने ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इन दो थाना क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लड़कियों को तलाश किया गया है। इधर तिरला और राजोद थाना क्षेत्रों से लंबित इस तरह के मामलो में कार्रवाई कर रुके हुए मामलों की संख्या शून्य कर दी है। अब यहां गुमशुदाओं से संबंधित कोई प्रकरण नहीं है।
जिले में वर्तमान में प्रतिदिन लड़कियों के गुमशुदा होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इधर जिले में यह बात भी सामने आई है कि लापता होने वाली अधिकांश बालिकाएं अपने हम उम्र परिचितों के साथ ही चली जाती है। दस्तयाबी अभियान के दौरान पुलिस द्वारा तलाशी गई अधिकांश लड़कियों के घर बसे हुए मिले हैं। दस्तयाब की गई 105 बालिकाओं में ह्यूमन ट्रेफिकिंग जैसा कोई मामला नहीं मिला है।
गुमशुदाओं संबंधी मामलों को सुलझाने के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया गया था। इस दौरान करीब 105 लड़कियों को तलाश किया गया है। लापताओं के मामले में थाना प्रभारियों को तेजी से पड़ताल के लिए कहा गया है। अभियान के अतिरिक्त भी गुमशुदाओं के अन्य प्रकरणों को शीघ्र निराकरण के लिए कहा है।
आदित्य प्रताप सिंह, एसपी धार