धारः पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने बिगाड़ा बजट, हर वर्ग के लोग परेशान


आए दिन जिस तरह से पेट्रोलियम उत्पादों के दाम रोज बढ़ रहे हैं, इस आसमान छूते भावों के बीच लोगों के बजट गड़बड़ाने लगे हैं। खासकर डीजल के भावों में मूल्यवृद्धि बाजार में महंगाई को न्यौता देने लगी है।


आशीष यादव आशीष यादव
घर की बात Published On :
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धार। एक ओर जनता जहां कोरोना और लॉकडाउन से परेशान है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम ने आम आदमी व जनता को परेशानी में डाल दिया है। आए दिन जिस तरह से पेट्रोलियम उत्पादों के दाम रोज बढ़ रहे हैं, इस आसमान छूते भावों के बीच लोगों के बजट गड़बड़ाने लगे हैं।

खासकर डीजल के भावों में मूल्यवृद्धि बाजार में महंगाई को न्यौता देने लगी है। अनलॉक के बाद शहर में पेट्रोल-डीजल के भावों में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर में पावर पेट्रोल 95.17 रुपये प्रति लीटर से अधिक पहुंच गया है।

वहीं साधारण पेट्रोल अगस्त के बाद दूसरी बार 93 रुपये से अधिक मूल्य में बिक रहा है। वहीं डीजल 84 रुपये प्रति लीटर रहा। बता दें कि शहर में सितंबर माह में डीजल अपने सर्वाधिक 80 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गया था।

डीजल के दामों के बढ़ने से बसों का किराया पहले ही बढ़ चुका है। इससे सवारियों को परेशानी झेलना पड़ रही है। पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा प्रतिदिन भावों में कमी-बढ़ोतरी होती है।

गत वर्ष नवंबर माह के मुकाबले इस बार दो नवंबर को साधारण पेट्रोल 7.15 रुपये, पावर पेट्रोल 7.61 रुपये और डीजल के भाव में 8.17 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

खास बात रही कि कोरोना काल में मार्च से मई तक पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर रखे गए थे। इस दौरान पेट्रोल-डीजल की खपत भी कम रही थी। वहीं अब कुछ दिनों से पेट्रोल व डीजल के दाम अस्थिर हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले में 145 से अधिक व शहर में 10 पेट्रोल पंप हैं। प्रतिदिन हजारों बाइक-कार में पेट्रोल और सैकड़ों चार पहिया, बस-ट्रक व छोटे-बड़े वाहनों में डीजल भरवाया जाता है।

बुरा असर होगा – 

पिछले कुछ वर्षों से तेल की कीमतें बढ़ीं तो हैं, लेकिन शायद यह पहली बार है जब तेल की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी की गई है। पहले से ही कोरोना व महंगाई की मार झेल रहे आम जनता पर भी इसका बुरा असर होगा। सरकार की गलत नीतियों से ऐसा हो रहा है। – सुधीर शेडगे, वाहन मालिक

फायदा नहीं दिया – 

जब पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुए तो सरकार ने अपना लाभ बचाने के लिए टैक्स बढ़ा दिया। इसके फायदे जनता को नहीं दिया। अब दाम बढ़ते हैं तो सरकार को तुरंत टैक्स कम कर के लोगों को राहत देनी चाहिए। आज सभी वर्ग के लोग कोरोना महामारी से परेशान हैं। – शाहरुख शेख, युवा

खेती का बजट बिगड़ा – 

खेती के कार्यों का खर्च भी बढ़ा है। डीजल के दामों के बढ़ने के बाद इस साल कृषि कार्य का खर्च भी बहुत बढ़ गया है। दामों में हुई वृद्धि से खेती में काम करने वाले कृषि उपकरण वालों ने खेती में कल्टीवेशन, रोटरी और बुआई करने की राशि बढ़ा दी है। इससे किसान भी परेशान हो रहे हैं। वहीं पेट्रोल के दामों में हुई वृद्धि से किसान खासे परेशान हैं। किसानों को खेती में अधिक राशि खर्च करना पड़ रही है। मध्यप्रदेश सरकार को डीजल पर वैट टैक्स हटाना चाहिए जिससे डीजल के भाव में कमी आएगी, लेकिन सरकार टैक्स हटा नहीं रही है। वहीं पहले ही किसान कोरोना काल मे फसलों के दाम नहीं मिलने से परेशान हो रहा है। – गोपाल यादव, किसान

वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगे – 

जिनके पास डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहन हैं। उनके लिए काफी कष्टकारी साबित होगा। वहीं देश विकास की रफ्तार पकड़ रहा है। इसमें पेट्रोल-डीजल कैसे पीछे रह सकता है। इसके बाद तो अन्य वस्तु के दाम भी बढ़ना तय हैं। इससे मध्यम वर्ग का बजट बिगड़ता जा रहा है। – भारत मालवीय



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