रंगपंचमीः महाकाल के साथ श्रद्धालुओं-पुजारियों ने खेली होली तो इंदौर पर चढ़ा रंगों का खुमार

DeshGaon
घर की बात Published On :
ujjain rangpanchami

भोपाल/इंदौर/उज्जैन। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मनाए जाने वाले रंगपंचमी पर्व पर रंगों का अलग ही उल्लास व नजारा देखने को मिलता है। उज्जैन में महाकाल मंदिर से इस पर्व की शुरुआत हुई तो इंदौर में निकली गेर से आसमान सतरंगी हो गया।

हर तरफ जमीन से लेकर आसमान तक उड़ते रंग-गुलाल नजर आए और लोगों का उत्साह चरम पर। जैसे-जैसे प्रदेश के विभिन्न शहरों में गेर आगे बढ़ रही थी, लोगों का हुजूम बढ़ता जा रहा था।

जानकारी के मुताबिक, इंदौर शहर में करीब एक लाख से ज्यादा लोग गेर में शामिल हुए। शहर की इस ऐतिहासिक गेर में लोग परिवार के साथ पहुंचे थे और इस गेर का सिलसिला तकरीबन तान किलोमीटर लंबा था।

मध्यप्रदेश में रंगपंचमी का प्रारंभ 12 ज्योर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से हुआ और महाकाल को प्रथम रंग अर्पित हुआ। इसके बाद पंडे, पुजारियों और श्रद्धालुओं ने रंग खेला। रंगपंचमी के लिए 5 क्विंटल टेसू के फूलों से रंग बनाया गया था।

रंगपंचमी का पहला रंग भी भगवान महाकाल को चढ़ा जिसके बाद देशभर में रंगपंचमी का पर्व मनाया गया। इसी दिन महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना के बाद विजय पताका फहराकर मनोकामना का ध्वज निकाला जाता है।

इंदौर शहर में विभिन्न जगहों के गेरों के राजवाड़ा पहुंचे और सबसे पहले हिंद रक्षक की फाग यात्रा गोराकुंड से निकली। नगर निगम की गेर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी शामिल रहे। इसमें पार्षद व भाजपा नेता भी ट्रैक्टर में बैठकर साथ चले। निगम की गेर में इस बार लोगों पर पानी की बौछारें डाली गईं।

गेर निकलने का सिलसिला दोपहर 2 बजे तक चला। कॉलोनियों और गली-मोहल्लों में लोग एक-दूसरे को रंग लगाया। वहीं सराफा बाजार और गोपाल मंदिर के आसपास भी लोग रंग खेलते नजर आए।


Related





Exit mobile version