खंडवाः महाशिवरात्रि पर दलितों को शिव मंदिर में घुसने से रोका, पुलिस के दखल के बाद की पूजा


मंदिर पक्ष से जुड़े लोगों ने कहा कि अब मंदिर में दलित समाज भी दर्शन व पूजा-पाठ कर सकेंगे। अभी तक दलित समाज ने इस तरह का प्रस्ताव नहीं रखा था। वे खुद चाहते हैं तो उनका स्वागत है।


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घर की बात Published On :
dalit stopped to enter in temple

खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में भराड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बैलवाड़ी गांव में महाशिवरात्रि पर शिव मंदिर के पुजारी ने दलितों को मंदिर में घुसने नहीं दिया और शिव जी की पूजा करने से रोक दिया।

हालांकि, दलित समाज के लोग खुद को पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित बता रहे थे। पुलिस के दखल के बाद हुई दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक के बाद दलितों को मंदिर में प्रवेश करने दिया गया और उन्होंने पूजा की।

गांव में दलित पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि शनिवार की सुबह कोटवार हुकुमचंद का बेटा सुमेश भगवान शिव का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंचा तो पुजारी जगराम पंवार ने उसे अंदर नहीं जाने दिया और उसे बाहर से पूजा करने को कहा, जिसके बाद सुमेश बाहर से ही पूजा करके लौट गया।

इसके बाद दलित समाज की ही कुछ अन्य लड़कियां भी भगवान शिव की पूजा करने सुबह मंदिर पहुंचीं, तो उन्हें भी अंदर नहीं आने दिया गया और बाहर ही रोक दिया गया।

इसके बाद ये लड़कियां घर आकर रोने लगी। इन लड़कियों का कहना था कि हमने शिवरात्रि का व्रत रखा हुआ है और मंदिर में जाकर ही पूजा करेंगे। मामला बढ़ता देखकर दलित समाज के लोग इकट्‌ठा होकर मंदिर पहुंचे।

दलित समाज के लोगों के मंदिर के बाहर जुटने की खबर लगते ही पुलिस-प्रशासन हरकत में आया और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस के दखल देने के बाद दलित समाज के युवक को मंदिर में जाने दिया गया जिसने भगवान शिव पर जलाभिषेक किया।

पुजारी जगराम पंवार का कहना है कि

दलित समाज ने अभी तक शिव मंदिर के बाहर ही पूजा की है। सालों से यही परंपरा चली आ रही है। उन्होंने अपनी ओर से कभी मंदिर के अंदर आकर पूजा करने का प्रस्ताव नहीं रखा है। अब अचानक वे मंदिर में घुसेंगे, तो परमिशन तो लेना पड़ेगी। हम लोग गांव की पंचायत बैठाकर फैसला लेंगे। मंदिर के निर्माण में भी उन्होंने चंदा नहीं दिया है।

मंदिर पक्ष से जुड़े लोगों ने कहा कि अब मंदिर में दलित समाज भी दर्शन व पूजा-पाठ कर सकेंगे। अभी तक दलित समाज ने इस तरह का प्रस्ताव नहीं रखा था। वे खुद चाहते हैं तो उनका स्वागत है।

दूसरी तरफ, दलित पक्ष का कहना है कि फिलहाल हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। कल रविवार को समाज से जुड़े भीम आर्मी और जयस के पदाधिकारी आएंगे। वे जैसा कहेंगे, उनके मार्गदर्शन अनुसार वैसा करेंगे।

भराड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बैलवाड़ी में रहने वाले दलित (बलाई) समाज के लोगों का दावा है कि बलाई समाज की जमीन पर सरकारी फंड से मंदिर का निर्माण किया गया है।

मंदिर सार्वजनिक है। इसके बावजूद दलित समाज को ही अंदर घुसने नहीं दिया जाता है। किसी बड़े त्योहार पर दलित समाज के लिए बाहर अलग से व्यवस्था की जाती है।


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