आज बिरसा मुंडा की जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर साल 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाएं जाने की घोषणा की है। राजधानी भोपाल स्थित जनजाति संग्रहालय में शहीद बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि, “मध्य प्रदेश में हर साल 15 नवम्बर को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा, हमारी जनजाति परम्परा भारत की मूल परम्परा है, इसको कभी मुरझाने नहीं दिया जाएगा।“
मध्य प्रदेश में हर साल 15 नवम्बर को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा, हमारी जनजाति परम्परा भारत की मूल परम्परा है, इसको कभी मुरझाने नहीं दिया जाएगा : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में #Bhopal pic.twitter.com/pRF5944UAA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2020
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, महान लोकनायक, स्वतंत्रता सेनानी, भगवान #बिरसा_मुंडा की जयंती पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन। जल, जंगल, जमीन और जनजातियों की अस्मिता की रक्षा के लिए अपने जीवन की अंतिम सांस तक लड़ने वाले महान नायक पर प्रदेश व देश को युगों-युगों तक गर्व रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj, जनजाति संग्रहालय में आयोजित शहीद बिरसा मुण्डा की जयन्ती "जनजाति गौरव दिवस" के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। #CMMadhyaPradesh #BirsaMundaJayanti https://t.co/eVyqTIMsKe
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 15, 2020
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, भगवान #बिरसा_मुंडा की जयंती ‘जनजाति गौरव दिवस’ के अवसर पर आज हम रानी दुर्गावती, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, सीताराम कंवर, रघुनाथ सिंह मण्डलोई, भीमा नायक, टंट्या भील, खाज्या नायक, मुड्डे बाई जैसे नायकों को याद करें और उनकी राह पर चलते हुए समाज व राष्ट्र के कल्याण का अधिकतम प्रयास करें। हमारे इन नायकों के क्रांतिकारी विचारों ने सदैव समाज व राष्ट्र को उचित मार्ग दिखाने का कार्य किया है। इनकी राहों पर चलने वाले अपनी जड़ों से जुड़े रहकर विकास के शिखर को स्पर्श करते हैं। आइये, इनके दिखाये मार्ग पर चलते हुए समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण में योगदान दें।
सीएम ने कहा – भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को मध्यप्रदेश में ‘जनजाति गौरव दिवस’ के रूप में मनाकर हम सब उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। आइये, संकल्प लें कि उनके सपनों के समर्थ समाज और राज्य एवं राष्ट्र के निर्माण में हम अपना हरसंभव योगदान देंगे।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजली अर्पित की है। कमल नाथ ने लिखा है, “महान आदिवासी नेता, अमर शहीद #धरती_आबा_बिरसा_मुंडा की जयंती पर नमन..! भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे जिन्होंने आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया, काले कानूनों को चुनौती देकर ब्रिटिश साम्राज्य के ख़िलाफ संघर्ष किया।”
बता दें कि, मध्यप्रदेश में करीब 47 जनजातियाँ हैं। राज्य में सबसे अधिक जनजाति अलिराजपुर में और सबसे कम भिंड में हैं। गोंड मध्यप्रदेश की एक प्रमुख जनजाति है।