भिंड। भिंड शहर के सुंदरपुरा इनाके में रहने वाले 42 वर्षीय कृष्णविहारी शाक्य उर्फ अटलू पुत्र दीनदयाल शाक्य ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह स्वजन पुलिस की मदद से युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लेकर गए। पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव घर आया तो बेटे की मौत से बेहाल मां कैलाशी देवी ने घर की दूसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। मां-बेटे की मौत से पूरे सुंदरपुरा में मातम पसरा है। दोपहर बाद करीब 10 मिनट के अंतराल से मां-बेटे के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
शहर के सुंदरपुरा इलाके में रहने वाले 42 वर्षीय कृष्णविहारी शाक्य ने रात करीब 1 बजे घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह घर के लोगों ने उन्हें फांसी पर लटके देखा। घर में चीख-पुकार मच गई। रोने की आवाज सुनकर पड़ोस के लोग घर में आ गए। देहात थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने करीब 8 बजे शव फांसी से उतरवाकर पीएम के लिए डेड हाउस भिजवाया।
बेटे की मौत से बुजुर्ग मां कैलाशी देवी का हाल बेहाल था। वे बार-बार गौरी सरोवर की ओर दौड़ने के लिए जा रहीं थी, लेकिन परिवार की महिलाएं किसी तरह से उन्हें रोके हुए थीं। दोपहर करीब 12 बजे कृष्णविहारी के शव को पीएम के बाद घर लाया गया। इसी दौरान बुजुर्ग कैलाशी देवी किसी तरह से घर की दूसरी मंजिल पर पहुंची। दूसरी मंजिल से उन्होंने सड़क पर छलांग लगा दी। नीचे गिरकर वे बुरी तरह से घायल हो गईं। मौके पर मौजूद लोग बुजुर्ग मां को लेकर ट्रॉमा सेंटर के लिए दौड़े। ट्रॉमा सेंटर में मिले डॉक्टर ने उन्हें मृत बता दिया। मां बेटे की मौत से सुंदरपुरा में मातम पसर गया है।
कृष्णविहारी के बड़े बेटे सतीश शाक्य की करीब 4 वर्ष पहले जहर खाने से मौत हो गई थी। सतीश की मौत के बाद से ही कृष्णविहारी का हाल ठीक नहीं था। वे मशीन से गन्ने का रस निकालकर किसी तरह परिवार का पेट पाल रहे थे। कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद से गन्ने की मशीन का रोजगार छिन गया था। बताया गया है कि इस बीच कृष्णविहारी ने अनलॉक होने पर गन्ने की मशीन चालू की, लेकिन काम पहले की तरह नहीं चला। इससे वह तनाव में रहने लगे थे। परिवार में छोटा बेटा सतेंद्र और उसकी पत्नी व अन्य लोग हैं।