श्योपुर। श्योपुर जिले के विजयपुर अस्पताल में महिला नसबंदी शिविर के दौरान शर्मनाक तस्वीरें सामने आई, जहां जिम्मेदारों ने बड़े शिविर का आयोजन तो कर लिया लेकिन अस्पताल में बेड और स्ट्रैचर तक के इंतजाम नहीं किए।
श्योपुर जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर विजयपुर के सामुदायिक अस्पताल में महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया जिसमें गुरुवार को 77 महिलाओं की नसबंदी हुई, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक 17 और महिलाओं की नसबंदी हुई।
जानकारी के मुताबिक, इन सभी महिलाओं का ऑपरेशन सिर्फ दो डॉक्टरों ने किया यानी एक डॉक्टर ने 47 महिलाओं की नसबंदी कर दी। हालांकि, इन डॉक्टरों के साथ सहायक के रूप में ट्रेनी डॉक्टर भी मौजूद थे।
शिविर में बदइंतजामी का आलम यह था कि नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को परिजन गोदी में उठाकर ओटी से बाहर लाए।
केवल इतना ही नहीं, बेड की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर ही लेटने को मजबूर होना पड़ा।
बता दें कि गुरुवार रात को श्योपुर में पारा गिरकर 9 डिग्री तक जा पहुंचा और इस कड़कड़ाती ठंड में महिलाएं जमीन पर ठिठुरती रहीं क्योंकि जिम्मेदारों द्वारा रजाई-गद्दे तक के इंतजाम नहीं किए गए थे।
महिलाओं को इस तरह से ठिठुरते देखकर बाद में परेशान परिजनों ने किराए पर कंबल इंतजाम किया। तब कहीं जाकर महिलाओं को ठंड से राहत मिली।
नसबंदी करवाने आई महिलाओं के परिजनों ने जिम्मेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नसबंदी ऑपरेशन के टारगेट को पूरा करने के लिए बदहाल इंतजामों के बीच यह शिविर आयोजित किया।
इसके साथ ही परिजनों ने ये भी कहा कि दो डॉक्टरों ने 24 घंटे में यहां 94 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन कर दिया। इन दो डॉक्टरों में खुद श्योपुर के सीएमएचओ भी थे, लेकिन उन्होंने व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया और ऑपरेशन में लगे रहे।
इस बारे में जब सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि वे फिलहाल नसबंदी शिविर में हैं, इसलिए इस बारे में थोड़ी देर बाद बात करेंगे।