मुरैना। जिले में जहरीली शराब से 10 से 21 जनवरी के बीच में 13 गांवों के 28 लोगों की जान चली गई थी। इन जानों की कीमत शराब माफिया के लिए महज 95 हजार रुपये थी। शराब माफिया ने केवल 95 हजार रुपये के फायदे के लालच में इथाइल केमिकल (ओपी) की जगह मिथाइल केमिकल (थिनर) से नकली शराब बनाई थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आगरा की एक कॉस्मेटिक फैक्टरी से यह केमिकल नेल पॉलिश और कॉस्मेटिक बनाने के नाम पर खरीदा गया। इससे बनी जहरीली शराब ने 13 गांव में 28 लोगों की जान ले ली थी। इस जहरीले शराब कांड में पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से छह आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है।
एसपी सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि
शराब माफिया पहले ग्वालियर की डिस्टलरी के अलावा फरीदाबाद व पंजाब से ओपी केमिकल मंगवाते थे। 200 लीटर का ड्रम 25 हजार रुपये का आता था, लेकिन आगरा के एक केमिकल व्यापारी से मिथाइल केमिकल (थिनर) के पांच ड्रम मात्र 30 हजार रुपये में खरीद लाए, जिससे उन्हें करीब 95 हजार रुपये मुनाफा हुआ।
ख्य आरोपी छैरा गांव के मुकेश किरार ने पुलिस को इसके एजेंट राहुल शर्मा व खुशीराम के नाम बताए। इन एजेंटों ने उन्हें अंतराम शर्मा तक पहुंचाया, जो आगरा से मिथाइल केमिकल लाया था। इसे लाने के लिए कांसपुरा गांव के शराब माफिया दिनेश शर्मा का आधार कार्ड दिया गया था और केमिकल खरीदी का कारण नेल पॉलिश व महिला कॉस्मेटिक बनाना बताया गया।
सबसे बड़ी बात यह है कि आरोपियों को इससे बनी शराब के खतरे की जानकारी थी, इसीलिए किसी भी मुख्य आरोपी ने इसे चखा तक नहीं था।
जानकारी के मुताबिक, आगरा से लाए मिथाइल केमिकल के पांच ड्रमों में से एक-एक ड्रम छैरा में मुकेश किरार और कांसपुरा में दिनेश शर्मा के यहां उतारे गए जबकि बाकी के तीन ड्रम दौनारी में करतार सिंह गुर्जर के यहां भेजे गए।
मुकेश के यहां 200 में से 100 लीटर की नकली शराब ही बनाई गई थी और इससे बनी कुछ पेटियां ही बिक पाईं थीं कि मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। तब मुकेश ने केमिकल व उससे बनी शराब नष्ट कर दी।
जहरीली शराब से मौतों की जानकारी मिलते ही कांसपुरा एवं दौनारी में भी माफिया ने इसे आग लगाकर नष्ट कर दिया था। अगर वहां भी इस केमिकल से जहरीली शराब बन जाती तो जान गंवाने वालों की संख्या सैंकड़े से उपर भी जा सकती थी।