नहर में पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर धरना


किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओपी मीणा ने बताया कि इस समय सरसों, चना की फसल के लिए आवदा नहर में पानी छोड़ा जाना बहुत जरूरी है। सरसों बुवाई का समय लगभग निकलने को है, लेकिन अभी तक सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी नहीं छोड़ा गया है।


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चम्बल Published On :
water release demand

श्योपुर। आवदा नहर में पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर 20 अक्टूबर यानी मंगलवार से जल संसाधन विभाग कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण धरना दिया जा रहा है, जो 26 अक्टूबर (सोमवार) तक चलेगा।

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओपी मीणा ने बताया कि इस समय सरसों, चना की फसल के लिए आवदा नहर में पानी छोड़ा जाना बहुत जरूरी है।

पूर्व में प्रशासन ने किसानों की बैठक आयोजित कर सरसों, चना की फसल सिंचाई के लिए समय पर पानी दिए जाने की बात कही थी। सरसों बुवाई का समय लगभग निकलने को है, लेकिन अभी तक सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी नहीं छोड़ा गया है।

पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसान संर्घर्ष समिति ने 12 व 16 अक्टूबर को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद भी विभाग ने पानी नहीं छोड़ा।

चने की बुवाई का समय भी 15 से 10 नवंबर तक है। इस समय किसानों को सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता है। इसके चलते किसान संघर्ष समिति द्वारा मंगलवार से जल संसाधन विभाग कार्यालय के बाहर शांति पूर्ण धरना शुरू कर दिया गया।

दूसरी तरफ, जल उपभोक्ता संगठन श्योपुर ने सोमवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर आवदा नहर में पानी नहीं छोड़ने की मांग की है।

ज्ञापन में कहा गया है कि आवदा नहर से जुड़े राड़ेप, मालीपुरा, लाथ, तलावड़ा, हलगांवड़ा, बम्बौरी हाला आदि गांव में किसानों के खेतों में धान की फसल खड़ी है इसलिए अभी सिंचाई के लिए पानी की कोई आवश्यकता नहीं है।

अगर अभी नहर आवदा डैम से नहर में पानी छोड़ा जाता है तो पानी फालतू बर्बाद होगा। 20-25 दिन बाद जैसे ही धान की फसल कट जाएगी, उसके बाद पानी की जरूरत पड़ेगी इसलिए 15 नवंबर के बाद आवदा डैम से नहर में पानी छोड़ा जाए।

इस दौरान ज्ञापन देने वालों में गिर्राज, रामसिंह, नरेन्द्र, जगदीश, ओमप्रकाश, महेन्द्र सिंह जाट, परमाल आदि शामिल थे।


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