मुरैनाः जमीन के विवाद में लेपा गांव में खूनी संघर्ष, फायरिंग में तीन महिलाओं सहित छह की मौत


फायरिंग कर हत्या करने के बाद आरोपी परिवार सहित फरार हो गए जबकि घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव का कोई भी आदमी कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है।


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चम्बल Published On :
morena firing accused

मुरैना। मुरैना के सिहौंनिया थाना क्षेत्र के लेपा गांव में जमीन के विवाद में दो गुटों में खूनी संघर्ष में लोगों ने लाठियों और बंदूकों का इस्तेमाल किया जिसमें छह लोगों की मौत हो गई।

घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थति बनी हुई है जिसके बाद घटना की जानकारी मिलते ही सिंहौनिया सहित आसपास के थानों से भी पुलिस बल लेपा गांव भेजा गया है।

गांव से मृतकों के शवों को मुरैना अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है व घायलों को भी इलाज के लिए मुरैना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

फायरिंग कर हत्या करने के बाद आरोपी परिवार सहित फरार हो गए जबकि घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव का कोई भी आदमी कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है।

पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर मौका-मुआयना करने के साथ ही आरोपियों की तलाश में जुट गई है और लगातार कई जगह छापेमारी कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि अभी आरोपी खेतों व बीहड़ों में छिपे हो सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक, फायरिंग में लेस कुमारी पत्नी वीरेंद सिंह, बबली पत्नी नरेंद्र सिंह तोमर, मधु कुमारी पत्नी सुनील तोमर, गजेंद्र सिंह पुत्र बदलू सिंह, सत्यप्रकाश पुत्र गजेंद्र सिंह व संजू पुत्र गजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं। घायलों में विनोद सिंह पुत्र सुरेश सिंह तोमर, वीरेंद्र पुत्र गजेंद्र सिंह है।

जमीन विवाद में राजीनामा के बाद भी आरोपी ने खेला खूनी खेल –

लेपा गांव के रंजीत तोमर व राधे तोमर के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 2014 में दोनों पक्षों के बीच में विवाद हुआ जिसमें रंजीत तोमर के पक्ष ने राधे तोमर के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी जिसके बाद से रंजीत तोमर का परिवार गांव छोड़कर चला गया था।

बताया जा रहा है कि जिस परिवार के छह लोगों की हत्या शुक्रवार को हुई है, उन्होंने आरोपी परिवार से पांच महीने पहले ही 10 लाख रुपये देकर राजीनामा किया था।

2014 से ही रंजीत के परिवार के लोगों की जमीन बंजर पड़ी थी। पांच महीने पहले रंजीत के परिवार के गजेंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने राधे के परिवार के लोगों से राजीनामा कर लिया। राजीनामा में 10 लाख रुपये भी दिए।

आरोपी पक्ष ने भी कह दिया था कि अब कोई बात नहीं है। राजीनामा के बाद भी आरोपियों ने शुक्रवार गजेंद्र सहित उसके परिवार के लोगों की हत्या कर दी।

राजीनामा होने के बाद निश्चित होकर गजेंद्र का परिवार शुक्रवार सुबह ही अहमदाबाद से लौटा था। परिवार के लोग अहमदाबाद से लाए सामान को घर में रख ही रहे थे तभी आरोपियों ने हमला कर दिया और फायरिंग करना शुरू कर दी। ऐसे में गजेंद्र के परिवार के बचने का मौका ही नहीं मिला।

मृतकों में से केवल गजेंद्र सिह थे जो गोली मारने वालों को पहचानते थे। बाकी के सदस्य पिछले 9-10 साल से गांव से बाहर रहने से आरोपियों को नहीं पहचानते थे। इस वजह से अब गोली मारने वाले आरोपियों की पहचान करने में भी पुलिस को परेशानी आ रही है। गांव के लोग भी अपना मुंह नहीं खोल रहा है।


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