नए कानून की पहली एफआईआर भोपाल में हुई दर्ज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दावा गलत साबित हुआ


भोपाल में रात सवा बारह बजे दर्ज हुई पहली एफआईआर,


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भोपाल Published On :

पुराने आपराधिक कानून बदल गए हैं और एक जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। यह भारतीय न्याय संहिता 2023 के साथ नई बात शुरू हो रही है। सोमवार को इन्हीं कानूनों के आधार पर आरोप दर्ज किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता- 2023 (BNS) के तहत देश में पहली एफआईआर भोपाल में दर्ज की गई। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि पहली एफआईआर ग्वालियर में दर्ज करवाई गई है लेकिन बाद में यह जानकारी गलत साबित हुई।

भोपाल पुलिस ने बताया कि पहली FIR ग्वालियर में नहीं हुई बल्कि भोपाल के हनुमानगंज थाने में दर्ज की गई।  पहली एफआईआर भोपाल के हनुमानगंज थाने में रविवार रात 12:16 बजे दर्ज की गई। जहां इसराणी मार्केट निवासी प्रफुल्ल चौहान (40) ने राजा उर्फ हरभजन के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 296 के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि आईपीसी जो अब नहीं रही उस आईपीसी में यह केस धारा 294 के तहत दर्ज होता था।

दरअसल, इससे पहले बताया गया था कि नए कानून के तहत दिल्ली के कमला मार्केट थाना इलाके पहली FIR दर्ज की गई। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि BNS के तहत पहली FIR ग्वालियर में दर्ज की गई है। शाह के मुताबिक मोटरसाइकिल चोरी के मामले में यह एफआईआर दर्ज की गई है।

यह FIR गाली देने के आरोप में दर्ज की गई है। पीड़ित प्रफुल्ल चौहान ने अपनी शिकायत में बताया कि पुरानी रंजिश के चलते राजा उर्फ हरभजन ने उन्हें गालियां दीं। इस मामले में आरोपी की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने मीडिया को बताया कि नए कानून के तहत भोपाल में दोपहर 2 बजे तक 10 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।



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