
मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहाँ एक पत्रकार के घर में शनिवार रात को अचानक आग लगा दी गई। पीड़ित पत्रकार रवि पांडे ने दावा किया है कि उन्होंने क्षेत्र में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिसके चलते उन्हें निशाना बनाया गया। इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है और इसे ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला’ बताया जा रहा है।
शनिवार की रात करीब 8 बजे रवि पांडे के घर में आग लग गई। उस वक्त घर में उनकी मां, भाभी और भतीजा मौजूद थे। मां घुटनों में तेल लगा रही थीं, भाभी घर के कामों में व्यस्त थीं और भतीजा पढ़ाई कर रहा था। अचानक आग की लपटें उठीं और पूरे घर में हड़कंप मच गया। पड़ोसियों की मदद से सभी की जान तो बच गई, लेकिन घर का बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया।
नामजद आरोप और धमकियों के सबूत
रवि पांडे ने बताया कि उन्हें पहले से धमकियाँ मिल रही थीं। उन्होंने चार लोगों पर आरोप लगाए हैं, जिनमें से एक ने तीन दिन पहले सीधे तौर पर जान से मारने की धमकी दी थी। इसका ऑडियो सबूत भी उनके पास मौजूद है। उन्होंने कहा, “अगर घर में सब सो रहे होते, तो शायद कोई बच नहीं पाता।”
सीधी के एसपी डॉ. रविंद्र वर्मा ने जानकारी दी कि मामले में FIR दर्ज की जा चुकी है और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को मौके पर भेजा गया है। आग के कारणों की वैज्ञानिक जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष का हमला: “यह अभिव्यक्ति की हत्या है”
इस घटना पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी पर क्रूर हमला’ बताया। उन्होंने कहा, “प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। रवि पांडे को तुरंत न्याय मिलना चाहिए।”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अब पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल रिकॉर्डिंग होने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं हो रही है, यह सरकार की नाकामी है।”