धीरेंद्र शास्त्री का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए हो रहा, शंकराचार्य ने युवा संत को बताया भाजपा प्रवक्ता


शंकराचार्य ने महाकाल लोक के बारे में कहा कि सरकार ने उसे भोगस्थली बना दिया है।


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भोपाल Updated On :

भोपाल। पुरी के ज्योतिष शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बाद अब गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भी नौजवान संत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विचारों से सहमत नज़र नहीं आ रहे हैं। भोपाल में एक प्रेस वार्ता के दौरान जब धीरेंद्र शास्त्री के बारे में शंकराचार्य से पूछा गया तो वे नाराज़ हो गए। यहां उन्होंने अपनी नाराजगी बेहद सधे हुए स्तर से रखी और धीरेंद्र शास्त्री को भाजपा का प्रवक्ता बता दिया। ज़ाहिर है कि शंकराचार्य ने एक तरह से कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री अपनी धार्मिक गतिविधियों का इस्तेमाल भाजपा के पक्ष में कर रहे हैं।

हालही में जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भोपाल में थे। यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनसे धीरेंद्र शास्त्री को लेकर भी एक सवाल पूछा गया। जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि  ”आप एक शंकराचार्य से एक कथावाचक और भाजपा प्रवक्ता की समीक्षा करवा रहे हैं। ये उचित नहीं है, ये राष्ट्रहित में भी नहीं है। डूबते समय नौका का सहारा लेना ही पड़ता है। इसी तरह राजनेताओं को भी भगवान का सहारा लेना पड़ता है।”

जगद्गुरू शंकराचार्य ने आगे कहा, “BJP धीरेंद्र शास्त्री का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए कर रही है। भाजपा बाबा रामदेव की तरह धीरेंद्र शास्त्री का भी उपयोग कर रही है। ऐसे लोगों को भाजपा मौनी बाबा बना देती है। मेरी बात पर सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय बदल देता है। मैं एक कथावचक की समीक्षा करूंगा?”

 

इस दौरान शंकराचार्य ने महाकाल लोक के निर्माण में लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी बात की उन्होंने कहा कि, “सरकार ने महाकाल लोक को भोगस्थली बना दिया है। महाकाल लोक में सप्तऋषियों की मूर्तियां टूटने के साथ नई बनी बिल्डिगों में भी भ्रष्टाचार सामने आया है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसे लेकर देश के ऋषि मुनि महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार पर नाराज हैं। ऋषि मुनि सरकार के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं।”

शंकराचार्य के इस बयान से ज़ाहिर है कि देश का संत समाज पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में नहीं है और इस बिरादरी में उन संतों की आलोचना भी हो रही है जो भाजपा की राजनीतिक लाइन को आगे बढ़ा रहे हैं। इससे पहले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की ने भी धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा लगातार हिन्दू राष्ट्र की मांग करने पर कहा था देश को हिन्दू राष्ट्र नहीं राम राज्य चाहिए है।  उन्होंने कहा था कि,  “गोलबंदी ध्रुवी करण की राजनीति चल रही है, हिंदू राष्ट्र यानी हिंदुओं की गोलबंदी है। हिंदू राष्ट्र के साथ गोलबंदी होगी जो हिंदू नहीं होगा उसके साथ अन्याय होगा। राज्य स्थापित करना ही है तो राम राज्य की स्थापना होनी चाहिए, जहां सबके लिए न्याय होगा।”
जानकार बताते हैं कि आने वाले चुनावों के लिए धीरेंद्र शास्त्री का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि वे एक बड़े वर्ग को प्रभावित कर सकते हैं हालांकि इसी बीच शंकराचार्यों का यह नज़रिया भाजपा की ओर से की जाने वाली हिन्दुत्व की राजनीति के लिए कुछ परेशानी खड़ी कर सकता है।

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