भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाना चाहते हैं ताकि लोग केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना रहें और कुछ नया हुनर भी सीखें। सोमवार को मिंटो हाल में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने पथ विक्रेताओं को दस-दस हज़ार रुपये की ब्याज मुक्त राशि के चैक भी वितरित किए। इस दौरान उन्होंने रायसेन जिले के सलामतपुर के रहने वाले कल्याण सिंह अहिरवार से बातचीत भी की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रोज़गार को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि रोजगार केवल सरकारी नौकरी नहीं होती और अपने रोजगार से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। पथ विक्रेताओं को योजना के द्वारा मिल रहे लाभों को जानकर मुख्यमंत्री ने खुशी जताई।
उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन की बहनों को काम से लगाना है आमदनी उनकी बढ़ती रहे और स्व सहायता समूह बेहतर काम करते रहे इसके लिए ज़रूरी है कि इसे एक आंदोलन का रूप दिया जाए।
रोजगार केवल सरकारी नौकरी नहीं होती,अपने रोजगार से बेहतर कुछ नहीं है। रोजगार के लिए प्रयास कर रहे हैं। आजीविका मिशन की बहनों को काम से लगाना है। आमदनी बढ़ती रहे,स्वसहायता समूह बेहतर काम करते रहें। आंदोलन का रूप देना है: सीएम श्री @ChouhanShivraj#ruralvendorMP2020#CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Xovu830ZcB
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 21, 2020
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि आजीविका मिशन की महिलाओं के लिए उनके समूह के खाते में 28 दिसंबर को डेढ़ सौ करोड़ रुपए जमा करवाए जाएंगे। इस पर वहां उपस्थित मिशन की महिलाओं ने खुशी जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आर्थिक मदद से महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी और स्व सहायता समूह बेहतर काम कर सकेंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं से हुई अपनी बातचीत के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कुछ बहिनों ने बताया है कि उनके बेटे आईटीआई कर रहे हैं। इस बार पर उन्हें खुशी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा यह हुनर सिखाने का काम है और पढ़ाई के साथ यह भी होना चाहिए। ऐसे में एक बार अगर काम करना आ गया तो कहीं भी काम मिल सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे कोशिश कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश की धरती पर लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाया जाए ताकि लोगों को कहीं भी काम मिल सके और इसमें भी उनकी प्राथमिकता महिलाओं को काम दिलाने की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग फिलहाल अपनी सामान्य समझ के हिसाब से ही काम शुरू कर देते हैं लेकिन अगर इसकी ट्रेनिंग दी जाए तो इसे निखारा जा सकता है। इस पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी विचार करने के लिए कहा है।