मध्यप्रदेश के बहुचर्चित सौरभ शर्मा मामले में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनसनीखेज आरोप लगाए। कटारे ने सौरभ शर्मा की नियुक्ति और उसके विवादित कार्यकाल में पूर्व गृह और परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह की संलिप्तता का दावा किया। उन्होंने मीडिया के समक्ष दो दस्तावेज़ प्रस्तुत किए, जिनमें भूपेंद्र सिंह द्वारा लिखी गई नोटशीट और नियुक्ति पत्र से जुड़े अन्य साक्ष्य शामिल थे।
नियुक्ति में भूपेंद्र सिंह की भूमिका का दावा
हेमंत कटारे ने कहा कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सौरभ शर्मा की नियुक्ति के लिए व्यक्तिगत रूप से नोटशीट लिखी थी। कटारे ने कहा, “भूपेंद्र सिंह ने खुद कहा था कि आरक्षक की नियुक्ति में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है। लेकिन यह नोटशीट, जिस पर उनके हस्ताक्षर हैं, इस बात को झूठा साबित करती है।” कटारे ने मीडिया के समक्ष नोटशीट पेश करते हुए बताया कि यह स्पष्ट प्रमाण है कि मंत्री ने न केवल सौरभ शर्मा की नियुक्ति में रुचि ली, बल्कि इसके लिए सीधे निर्देश भी दिए।
कटारे ने कहा, “आरक्षक की नियुक्ति के लिए मंत्री अभिमत क्यों मांग रहे थे? क्या यह सामान्य प्रक्रिया है? कागजात बताते हैं कि मंत्री ने सौरभ शर्मा की नियुक्ति में गहरी दिलचस्पी दिखाई और इसे सुनिश्चित किया।”
भ्रष्टाचार का आरोप और संरक्षण का मामला
उपनेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति और पदस्थापनाओं में मंत्री भूपेंद्र सिंह का सीधा हस्तक्षेप था। कटारे ने दावा किया कि सौरभ शर्मा को हमेशा महत्वपूर्ण चेक पोस्ट और टोल नाकों पर तैनात किया गया, जहां भ्रष्टाचार के व्यापक अवसर थे।
उन्होंने कहा, “सौरभ शर्मा आरक्षक था, लेकिन वह इंस्पेक्टर के समान शक्तियों का उपयोग करता था। वह मध्यप्रदेश के करहल, नहर, समरधा और चिरुला जैसे महत्वपूर्ण चेक पॉइंट्स पर एक साथ तैनात रहा। यह सब भूपेंद्र सिंह के संरक्षण में हो रहा था।”
फरारी और पुलिस की विफलता
हेमंत कटारे ने कहा कि सौरभ शर्मा, जो वर्तमान में फरार है, कई महीनों से पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उन्होंने पुलिस इंटेलिजेंस की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह शर्मनाक है कि पुलिस अब तक उसकी लोकेशन का पता नहीं लगा पाई है। क्या यह संभव है कि पुलिस जानबूझकर उसे पकड़ने में असफल हो रही है, ताकि बड़े नेताओं की पोल न खुले?”
उन्होंने दावा किया कि सौरभ शर्मा वर्तमान में दुबई, पंजाब, दिल्ली या किसी अन्य जगह छिपा हो सकता है। लेकिन पुलिस की निष्क्रियता इस मामले को और संदिग्ध बना रही है।
सौरभ शर्मा की नियुक्ति और विवादित कार्यकाल
कटारे ने यह भी कहा कि सौरभ शर्मा की तैनाती हमेशा ऐसे स्थानों पर की गई, जहां भ्रष्टाचार की संभावना अधिक थी। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार के माध्यम से सौरभ शर्मा को तैयार किया गया। यह सिस्टम के शीर्ष पर बैठे लोगों की विफलता और भ्रष्टाचार का परिणाम है।”
भूपेंद्र सिंह पर तीखा हमला
कटारे ने आरोप लगाते हुए कहा, “सौरभ शर्मा को जन्म देने वाली उसकी मां है, लेकिन भ्रष्टाचारी सौरभ शर्मा को जन्म देने वाले भूपेंद्र सिंह हैं।” उन्होंने कहा कि यदि सौरभ शर्मा गिरफ्तार होता है, तो कई बड़े नाम सामने आएंगे और इस भ्रष्टाचार के पूरे जाल का खुलासा हो सकता है।
भाजपा के लिए बढ़ी मुश्किलें
सौरभ शर्मा मामले में भूपेंद्र सिंह पर लगे इन आरोपों ने भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस इसे भ्रष्टाचार और संरक्षणवाद का जीता-जागता उदाहरण बता रही है। वहीं, भाजपा ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह मामला केवल एक आरक्षक की नियुक्ति से जुड़े विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार और प्रशासनिक निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाता है। विपक्ष ने इसे बड़े घोटाले के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है, जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।